नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। इंदौर-3 के भाजपा विधायक गोलू शुक्ला व उनके पुत्र रुद्राक्ष के महाकाल मंदिर के गर्भगृह में नियम विरुद्ध प्रवेश की जांच पूरी हो गई है। तीन सदस्यीय जांच समिति ने पुजारी, कर्मचारी तथा सुरक्षाकर्मी सहित 12 लोगों से पूछताछ कर बयान दर्ज किए हैं। अगले दो दिनों में मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक को रिपोर्ट प्रथम कौशिक को सौंपी जाएगी। इसके बाद कार्रवाई होगी।
महाकाल मंदिर में 21 जुलाई को भस्म आरती में इंदौर के विधायक गोलू शुक्ला व उनके पुत्र रुद्राक्ष शुक्ला गर्भगृह में प्रवेश कर गए थे। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, इस कार्रवाई में कर्मचारी व रुद्राक्ष शुक्ला के बीच जमकर विवाद हुआ। घटना के दौरान मंदिर के सीसीटीवी कैमरे बंद थे। लेकिन मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शी इस पूरे मामले के गवाह हैं। इन्हीं में से किसी ने इंटरनेट मीडिया पर घटना की जानकारी बहुप्रसारित की थी। इसके बाद मामला मीडिया की सुर्खी बना था। मामले में कलेक्टर ने तीन सदस्यीय समिति गठित कर निष्पक्ष जांच के आदेश दिए थे। समिति ने अपनी जांच में घटना के समय चांदी गेट व जलद्वार का गलियारा, मंदिर के गर्भगृह तथा नंदी हाल में मौजूद 12 लोगों के बयान दर्ज किए हैं।
विधायक का दावा गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति थी
21 जुलाई को गर्भगृह में प्रवेश का मामला जैसे ही तूल पकड़ा विधायक गोलू शुक्ला ने पुत्र का बचाव करते हुए दावा किया कि मंदिर प्रशासन ने उन्हें गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति दी थी। मुझे समझ नहीं आ रहा है, जब हमें अनुमति दी थी गई थी तो कर्मचारी हमें रोक क्यों रहे थे।
जिस दिन यह वाकया हुआ उप प्रशासक एसएन सोनी ने बताया था कि किसी एक व्यक्ति की अनुमति दी गई थी, हालांकि कुछ ही देर बार मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक ने साफ इंकार कर दिया और बताया कि गर्भगृह में प्रवेश के लिए किसी को भी अनुमति नहीं दी गई है।
शासन, प्रशासन से महाकाल मंदिर की व्यवस्था नहीं संभाली जा रही है। मंदिर की व्यवस्था में सुधार के लिए अधिकारियों की जंबो टीम तो तैनात कर दी गई है, लेकिन बिखराव के कारण अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पा रहे हैं। गर्भगृह में प्रवेश के मामले में भी यही हुआ है। शनिवार को मीडिया में जांच रिपोर्ट लीक हो गई, जानकारी आई की कुछ कर्मचारियों पर कार्रवाई की तैयारी चल रही है। इसके बाद अधिकारी सफाई देते रहे। कहा गया कि जांच रिपोर्ट प्रशासक को सौंपी जाएगा। वही आगे का निर्णय लेंगे।
-महाकाल मंदिर में वर्ष 2024 में होली के दिन गर्भगृह में आग लग गई थी। बताया जा रहा थ कि कैमिकल युक्त रंग गुलाल के उपयोग से आग लगी थी। इस घटना में एक सेवक की मौत भी हो चुकी है। इस मामले में मंदिर समिति ने जांच बैठाई थी। जांच हुई भी, लेकिन रिपार्ट फाइल में दफन है।
-वर्ष 2025 में केसर की हेराफेरी का मामला मीडिया की सुर्खी बना। इस मामले में भी जांच बैठाई गई। पहले उप प्रशासक और फिर मंदिर प्रशासक ने अरोपितों को नोटिस देकर जवाब तलब किया, जवाब के बाद रिपोर्ट भी आई लेकिन उसे भी दबा दिया गया।
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