नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से श्रावण मास में आज सोमवार को भगवान महाकाल की तीसरी सवारी निकाली गई। अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश तथा गरुड़ रथ पर शिवतांडव रूप में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकले। भगवान की सवारी के दर्शन के लिए अपार आस्था उमड़ी।
परंपरा अनुसार शाम 4 बजे महाकाल मंदिर से सवारी की शुरुआत हुई। परंपरागत मार्गों से होकर सवारी मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंची। पश्चात पुजारियों ने भगवान महाकाल का शिप्रा जल से अभिषेक कर पूजा अर्चना की। पूजन पश्चात सवारी पुन: मंदिर की ओर रवाना हुई। सवारी में विभिन्न बैंड, जनजातीय व लोक कलाकारों के दल ने प्रस्तुति दी।
3 रूपों में दर्शन देने निकले महाकाल
4 घंटे छाया रहा भक्ति का उल्लास
5 किलोमीटर लंबे मार्ग पर भक्ति का सैलाब
6 से अधिक बैंड ने दी मनमोहक प्रस्तुति
सावन के पहले सोमवार को जहां लगभग 2.5 लाख भक्तों ने बाबा महाकाल के दर्शन किए थे, वहीं दूसरे सोमवार को यह संख्या 3 लाख से भी अधिक पहुंच गई। इस बार भी तीसरे सोमवार को तीन लाख से अधिक भक्तों ने अवंतिकानाथ के दर्शन किए। भक्तों की सुविधा के लिए मंदिर प्रशासन ने विशेष व्यवस्थाएं की हैं, ताकि सभी को सुचारु रूप से दर्शन हो सकें। इस वर्ष सावन के तीसरे सोमवार पर भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा है, जो भगवान महाकाल के प्रति उनकी अटूट श्रद्धा को दर्शाता है।