Mahashivratri Mahakal Darshan: उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में 18 फरवरी को महाशिवारात्रि पर देशभर से सात लाख से अधिक भक्तों के भगवान महाकाल के दर्शन करने का अनुमान है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन अभी से तैयारियों में जुट गया है। इस बार मंदिर में भक्तों को चारधाम मंदिर पार्किंग से तीन कतार में प्रवेश दिया जाएगा। नए साल 2023 के पहले दिन देशभर से 5 लाख से अधिक भक्त भगवान महाकाल के दर्शन करने करने आए थे। उस समय प्रशासन ने श्री महाकाल महालोक में दो कतार में भक्तों को मंदिर में प्रवेश दिया था।
तीन कतारों में देंगे प्रवेश
महाशिवरात्रि पर प्रशासन महालोक का पूरी क्षमता के साथ के साथ उपयोग करना चाहता है। इसलिए चारधाम मंदिर पार्किंग से त्रिवेणी संग्रहालय के रास्ते महाकाल महालोक में होते हुए मानसरोवर द्वार तक दर्शनार्थियों की तीन कतार लगाई जाएगी। इस व्यवस्था से अधिक संख्या में दर्शनार्थी एक साथ मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे। मंदिर के भीतर शिव भक्तों को कार्तिकेय व गणेश मंडप से भगवान महाकाल के दर्शन कराए जाएंगे। प्रोटोकाल वाले दर्शनार्थियों को चार नं.गेट से मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा।
त्रिवेणी संग्रहालय के सामने बनेगा विशाल जूता स्टैंड
महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए त्रिवेणी संग्रहालय के सामने विशाल जूता स्टैंड स्थापित किया जाएगा। करीब 200 कर्मचारी तैनात होंगे। जूते चप्पल रखने के लिए करीब 20 हजार शू बैग का इंतजाम रहेगा। व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारियों ने प्रस्तावित जूता स्टेंड के प्लान की जानकारी ली। बता दें नए साल के पहले दिन अव्यवस्था के चलते सैकड़ों लोग अपनी पादुकाएं मंदिर के बाहर छोड़ गए थे।
कोटितीर्थ कुंड व गर्भगृह की सफाई होगी
महाशिवरात्रि से पहले कोटितीर्थ कुंड की सफाई होगी। साथ ही गर्भगृह की रजत मंडित दीवार, चांदी द्वार आदि की साफ सफाई होगी। गणेश मंडपम में लगी पीतल की रैलिंग व खंभों पर ब्रास पॉलिश की जाएगी। मंदिर के शिखर आदि पर रंगरोगन भी किया जाएगा।
महाकाल में नौ दिवसीय उत्सव
महाकाल मंदिर में फाल्गुन कृष्ण पंचमी से शिवनवरात्र के रूप में महाशिवरात्रि पर्व का शुभारंभ होगा। पुजारी नौ दिन तक भगवान महाकाल का दूल्हा रूप में श्रृंगार करेंगे। फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी महाशिवरात्रि पर महानिषाकाल में रातभर भगवान महाकाल की महापूजा होगी। त्रयोदशी व चतुर्दशी के संयोग में तड़के 4 बजे भगवान महाकाल के शीष फूल व फलों से बना सेहरा सजाया जाएगा। 19 फरवरी को दोपहर 12 बजे वर्ष में एक बार दिन में होने वाली भस्म आरती होगी।
Posted By: Nai Dunia News Network
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