रंगपंचमी 2025: महाकाल मंदिर में रंग खेलने पर प्रतिबंध, पिछले साल होली पर आग लगने की घटना के बाद मंदिर समिति का फैसला
रंगपंचमी का त्योहार पूरे मध्य प्रदेश में उत्साह के साथ मनाया जाता है। वहीं मालवा में इसकी अलग ही मस्ती रहती है। उज्जैन स्थित बाबा महाकाल के मंदिर में भी रंगपंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है। हालांकि इस बार रंग खेलने पर प्रतिबंध है।
Publish Date: Wed, 19 Mar 2025 07:48:37 AM (IST)
Updated Date: Wed, 19 Mar 2025 07:48:37 AM (IST)
उज्जैन महाकाल मंदिर (फाइल फोटो)HighLights
- तड़के चार बजे भस्म आरती की गई
- शाम 7.30 बजे संध्या आरती होगी
- चल समारोह भी निकाला जाएगा
नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन : मालवा की लोक परंपरा अनुसार बुधवार को रंगपंचमी मनाई जा रही है। इस दौरान महाकाल मंदिर में रंग खेलने पर प्रतिबंध है। गत वर्ष होली पर केमिकलयुक्त गुलाल के उपयोग से गर्भगृह में लगी आग के बाद मंदिर समिति ने यह निर्णय लिया है।
तड़के चार बजे भस्म आरती की गई। अब शाम 7.30 बजे संध्या आरती में पुजारी भगवान महाकाल को एक-एक लोटा केसरिया रंग अर्पित कर रंगपंचमी मनाएंगे। शाम छह बजे मंदिर की परंपरा अनुसार, चल समारोह निकाला जाएगा।
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होली की तरह रंग रंगीली हैं महाकाल की परंपरा
- महाकाल मंदिर की परंपराएं भी होली की तरह रंग रंगीली हैं। हिंदू धर्म के सभी प्रमुख त्योहार राजा के आंगन में सबसे पहले राजसी वैभव के साथ मनाए जाते हैं। रंगपंचमी भी इन्हीं में से एक है।
- इस दिन तड़के चार बजे भस्म आरती में पुजारी भगवान के साथ होली खेलते हैं। दर्शनार्थियों को भी रंगों से भिगोया जाता है, लेकिन गतवर्ष धुलेंडी के दिन गर्भगृह में लगी आग के बाद मंदिर समिति ने मंदिर में भक्तों के होली खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।