नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। मध्य प्रदेश के 17 धार्मिक शहरों में शराब का विक्रय नहीं किया जाएगा। इसके लिए इन शहरों में चल रहीं शराब की सभी दुकानें सोमवार 31 जनवरी से बंद हो जाएंगी। चूंकि इन धार्मिक शहरों में उज्जैन भी सम्मिलित है और यहां के प्रसिद्ध काल भैरव मंदिर में शराब (मदिरा) का भोग लगाने की प्रचीन पूजन-परंपरा है, इसलिए अब भक्तों को इसके लिए फिलहाल बाहर से शराब लानी पड़ेगी।
हालांकि उज्जैन के कलेक्टर ने काल भैरव को मदिरा भोग की पूजन-परंपरा के महत्व के तर्क पर मंदिर के सामने वाली दुकान संचालित होने देने का अनुरोध शासन को पत्र लिखकर किया है। इस पर शासन को फैसला लेना है।
उल्लेखनीय है कि प्रतिदिन 40 हजार से अधिक श्रद्धालु काल भैरव मंदिर में पहुंचते हैं। इनमें लगभग एक तिहाई मदिरा का भोग लगाते हैं।
बता दें कि काल भैरव मंदिर में भक्तों के अलावा पुजारी की ओर से भी नियमित चार बार मदिरा का भोग लगाया जता है। मंदिर के पट खुलने और तीनों आरती के समय मदिरा का भोग लगता है। उज्जैन में प्रतिवर्ष शारदीय नवरात्र की महाअष्टमी पर भी शासन-प्रशासन द्वारा नगर पूजा में स्वयं कलेक्टर देवी महामाया व महालया को मदिरा का भोग लगाते हैं।
राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश के 17 धार्मिक शहरों के 19 स्थानों पर में एक अप्रैल से शराब की बिक्री पर रोक लगाई है। इसमें कुल 47 शराब की दुकानों को 31 मार्च से बंद किया गया है। इनमें उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, मंदसौर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, दतिया, अमरकंटक, सलकनपुर, पन्ना, मंडला, मुलताई, बरमान कला, लिंगा, कुंडलपुर हैं।