नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। देवास रोड स्थित विक्रम उद्योगपुरी में 2700 करोड़ रुपये का निवेश करने को ताइवान की फुबर्ग कंपनी के प्रतिनिधि डेविड लिन और वायएल लियू ने जमीन देखी। कहा कि वह यहां स्किन केयर प्रोडक्ट बनाएगी, जिसके लिए उसे 15 एकड़ जमीन चाहिए।
मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम (एमपीआईडीसी) के कार्यकारी निदेशक राजेश राठौर ने कंपनी के दोनों प्रतिनिधियों को जमीन दिखाई और यहां निवेश करने से मिलने वाले फायदे बताए।
अभी कुछ दिन पहले ही एमपीआईडीसी ने ट्रक-बस बनाने वाली वोल्वो, आयशर कमर्शियल व्हीकल्स (वीईसीवी) कंपनी को उद्योगपुरी में एक लाख 24956 वर्ग मीटर जमीन (भूखंड क्रमांक 135, 136, 137) 99 साल की लीज पर आवंटित की है।
कंपनी ने यहां पहले चरण में 400 करोड़ और दूसरे चरण में 800 करोड़ रुपये का निवेश करने का करार किया है। कहा गया है कि इस निवेश से उज्जैन की आटोमोबाइल सेक्टर के रूप में एक नई पहचान बनेगी। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
मालूम हो कि ये चार दशक पुरानी वही कंपनी है जिसने एशिया में पहला वयस्क डायपर लांच किया किया था। ये कंपनी वयस्क डायपर, वयस्क पुनर्वास पैंट, पुल-अप डायपर, नर्सिंग पैड और साॅफ्ट केयर सहित फीलफ्री ब्रांड के उत्पाद प्रदान करती है।
आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर परियोजना अंतर्गत देवास रोड पर विक्रम उद्योगपुरी 458 हेक्टेयर भूमि पर विकसित हुई है। यहां 58 उद्योगों को भूखंड आवंटित किए जा चुके हैं। अमूल, पेप्सीको, सीपी पेंट्स सहित 12 उद्योगों ने उत्पादन शुरू कर दिया है। 24 उद्योग का ढांचा तैयार हो रहा है। कर्नाटक एंटीबायोटिक सहित अनेक उद्योग का संचालन इस वर्ष शुरू होने की उम्मीद है।
उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए शासन-प्रशासन यहां औद्योगिक परिस्थितिकी तंत्र (इंडस्ट्रीयल ईको सिस्टम) विकसित करने पर जोर दे रहा है। उज्जैन को जोड़ने वाले सभी प्रमुख मार्गों को फोरलेन सड़क में तब्दिल करने, शहर को हेलीकाप्टर एवं हवाईजहाज सेवा से जोड़ने, गवर्नमेंट मेडिकल कालेज खोलने, रोप-वे सहित अन्य सुविधाओं की तरफ कदम बढ़ाना इसका प्रमाण है।
विक्रम उद्योगपुरी के विस्तार के लिए एमपीआईडीस ने सात गांव (माधौपुर, नरवर, गावड़ी, मुंजाखेड़ी, चैनपुर हंसखेड़ी, कड़छा, पिपलोदा द्वारकाधीश) की 464.458 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित करने की तैयारी की है। प्रस्ताव कलेक्टर कार्यालय में लंबित पड़ा है। इसके अतिरिक्त यहां की 15.180 हेक्टेयर सरकारी जमीन भी उद्योगपुरी में शामिल करना प्रस्तावित है।
एमपीआइडीसी ने उज्जैन में आइटी पार्क की स्थापना के लिए कलेक्टर से ढाई हेक्टेयर जमीन मांगी है। ये जमीन, शासकीय उज्जैन इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर की मिलने की उम्मीद है।
कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उज्जैन सहित प्रदेशभर के इंजीनियरिंग कॉलेजों की रिक्त भूमि पर आइटी पार्क विकसित करने की संभावना जताई थी।
कहा गया है कि आइटी पार्क तीन चरण में बनाएंगे। इससे इंजीनियरिंग कॉलेज के विद्यार्थियों को करियर बनाने और रोजगार पाने में काफी मदद मिलेगी। आइटी पार्क में उद्योगों के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा।