नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। उज्जैन-विक्रमनगर के मध्य नई दोहरीकृत रेल लाइन का मंगलवार को संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) निरीक्षण करेंगे। इस दौरान 130 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन चलाकर गति का परीक्षण किया जाएगा।
रतलाम मंडल के जनसंपर्क अधिकारी खेमराज मीना ने बताया कि उज्जैन से विक्रमनगर के बीच करीब डेढ़ किलोमीटर रेलमार्ग का दोहरीकरण कार्य पूरा हो गया है। ट्रेनों का संचालन शुरू करने से पूर्व इस नई दोहरीकृत रेल लाइन का निरीक्षण एवं गति परीक्षण सीआरएस पश्चिम परिमंडल द्वारा मंगलवार को किया जाएगा। यह निरीक्षण एवं गति परीक्षण सुबह नौ बजे से लेकर रात 8 बजे तक उज्जैन से विक्रमनगर के मध्य किया जाएगा। इस दौरान 130 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की गति से ट्रेन चलाकर परीक्षण किया जाएगा।
रेलवे प्रशासन ने आम लोागें से अपील की है कि इस अवधि के दौरान रेलवे ट्रैक के पास न जाएं और न ही अपने पशुओं को वहां जाने दें। ट्रैक पार करने के लिए केवल निर्धारित रेलवे अंडरपास या समपार फाटक का ही उपयोग करें, जिससे किसी प्रकार की दुर्घटना या असुविधा से बचा जा सके।
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उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016-17 के वार्षिक बजट में रेल मंत्रालय ने करीब 60 किलोमीटर लंबे इंदौर-देवास-उज्जैन रेल मार्ग के दोहरीकरण की घोषणा की थी। 650 करोड़ रुपये की लागत से होने वाले काम में सिविल वर्क्स के अलावा सिग्नलिंग विभाग, टीआरडी विभाग, इलेक्ट्रिक पावर विभाग तथा अन्य विभागों के खर्च को शामिल किया गया था। वर्ष 2017-18 में काम की शुरुआत हुई थी। दिसंबर 2023 में तीन चरणों में काम पूरा हुआ था। मगर उज्जैन स्टेशन से उज्जैन सी केबीन के बीच दोहरीकरण नहीं किया गया था। जिसे अब पूरा किया गया है।