उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। महाकाल के आंगन में खोदाई के दौरान भूगर्भ से निकले एक हजार साल पुराने शिव मंदिर का पुनर्निर्माण जारी है। पुनर्निमित मंदिर करीब 37 फीट ऊंचा होगा। इसके निर्माण में करीब 4 माह का समय लगेगा। पुरातत्व विभाग द्वारा इसके निर्माण पर करीब 65 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।
महाकाल मंदिर में नवनिर्माण के लिए की जा रही खोदाई के दौरान करीब दो साल पहले मंदिर परिसर के अग्र भाग से एक हजार पुराने शिव मंदिर के अवशेष प्राप्त हुए थे। इसके बाद विक्रम विश्व विद्यालय के पुराविद डा. रमण सोलंकी मौके पर पहुंचे और उन्होंने पुरा साक्ष्यों को देखकर यहां मंदिर होने की संभावना व्यक्त की थी।
इसके बाद मामला मध्य प्रदेश पुरातत्व विभाग के भोपाल कार्यालय पहुंचा। इसके बाद विभाग ने विशेषज्ञों की निगरानी में आगे की खोदाई कराई, तो एक हजार साल पुराने शिव मंदिर का आधार भाग तथा शिवलिंग सहित विभिन्न देवी देवताओं की मूर्तियां प्राप्त हुई।
विभाग ने जिस स्थान से मंदिर प्राप्त हुआ है, उसे स्थान पर पुनर्निमाण करने की योजना तैयार की। करीब छह माह पहले पत्थरों पर नंबरिंग कर इसका खाका तैयार किया गया। अब नंबरिंग के आधार पर पत्थरों को जोड़कर मंदिर तैयार किया जा रहा है। निर्माण कार्य की प्रगति देखने के लिए मध्य प्रदेश पुरातत्व विभाग की आयुक्त उर्मिला शुक्ला गुरुवार को एक सप्ताह के भीतर दूसरी बार महाकाल मंदिर पहुंची। इससे पहले उन्होंने 6 अप्रैल को स्थल निरीक्षण किया था।