नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। महाशिवरात्रि के अवसर पर देशभर से लाखों श्रद्धालु उज्जैन आए थे। इस दौरान कुछ लोगों ने महाकाल दर्शन के फर्जी वीआइपी पास बनाकर बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को बेच दिए। मंदिर में सुरक्षाकर्मियों ने तीन लोगों को पकड़ा था। इसके बाद महाकाल पुलिस जांच में जुटी है। हालांकि महाकाल मंदिर समिति की ओर से अब तक कोई आवेदन पुलिस को नहीं दिया गया है।
टीआइ अजय वर्मा ने बताया कि महाशिवरात्रि पर्व पर मंदिर समिति ने वीआइपी लोगों के लिए विशेष दर्शन व्यवस्था की थी। इसके लिए बारकोड वाले वीआइपी पास जनप्रतिनिधियों सहित अन्य वीआइपी लोगों को दिए थे, मगर इनके डुप्लीकेट पास बनाकर कुछ लोगों ने बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को पांच-पांच सौ रुपये में बेच दिए थे।
शुक्रवार को मंदिर में ड्यूटी के दौरान सुरक्षाकर्मियों ने आशुतोष निवासी दिल्ली, उद्देश्य निवासी सूरत और वेंकट निवासी विशाखापट्टनम को नकली वीआइपी पास लेकर जाते हुए पकड़ा था। उनसे पूछताछ की गई तो तीनों ने पांच-पांच सौ रुपये में पास खरीदना बताया था। इसके बाद तीनों को महाकाल पुलिस को सौंप दिया था।
तीनों ने पुलिस को बताया कि होटल में ही एक व्यक्ति ने आकर झांसा दिया था कि वीआइपी पास से जल्दी दर्शन हो जाएंगे। इसके एवज में पांच-पांच सौ रुपये लिए थे। पुलिस का कहना है कि मामले में जांच की जा रही है। हालांकि अब तक मंदिर समिति की ओर से कोई आवेदन तक नहीं दिया गया है। इस कारण एफआइआर दर्ज नहीं की गई है।