Ujjain में नकली नोट छापने वाला गिरोह धराया, पांच गिरफ्तार, मोबाइल व वाशिंग मशीन खरीदे थे
पुलिस ने नकली नोट छापने वाले आरोपित कमलेश के ढांचा भवन स्थित गोदाम पर दबिश दी थी। जहां कमलेश व प्रहलाद पुलिस को मिले थे। दोनों के कब्जे से पुलिस ने चार लाख 97 हजार रुपये के नकली नोट व सीपीयू, कलर प्रिंटर, कटर, बटर पेपर, स्केल, केमिकल व अन्य सामग्री बरामद की है।
Publish Date: Thu, 11 Sep 2025 08:11:30 PM (IST)
Updated Date: Thu, 11 Sep 2025 08:20:39 PM (IST)
पुलिस गिरफ्त में नकली नोट छापने व चलाने वाले आरोपित।HighLights
- आरोपितों के कब्जे से पांच लाख के नकली नोट जब्त।
- सीपीयू, कलर प्रिंटर, बटर पेपर, स्केल, केमिकल मिले।
- मामले में पुलिस ने बीएनएस के तहत केस दर्ज किया था।
नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। नकली नोट छापने वाला एक गिरोह पुलिस के हत्थे चढ़ा है। मामले में पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। इनके कब्जे से चार लाख 97 हजार रुपये के नकली नोट व सीपीयू, कलर प्रिंटर, कटर, बटर पेपर, स्केल, केमिकल व अन्य सामग्री बरामद की है।
एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि एक सिंतबर को होरीलाल पुत्र लीलाधर प्रजापति निवासी अमरदीप नगर ने माधव नगर थाने पहुंचकर शिकायत की थी कि वह मोबाइल एवं इलेक्ट्रानिक्स की दुकान का संचालित करता है। उसकी दुकान पर दुर्गेश नामक युवक आया था। दुर्गेश ने वाशिंग मशीन एवं मोबाइल खरीदा था। इसके एवज में उसने 23 हजार रुपये का भुगतान किया था। दुर्गेश ने दुकान संचालक को 100 एवं 200 रुपये के नोट दिए थे। बाद में होरीलाल को पता चला कि नोट नकली हैं। मामले में पुलिस ने धारा 178, 179, 180 बीएनएस के तहत केस दर्ज किया था।
30 फीसद के भाव पर लाया था नकली नोट
- पुलिस ने जांच के दौरान दुर्गेश पुत्र सुखराम डाबी उम्र 22 वर्ष निवासी ग्राम देवली तराना हालमुकाम अशोक नगर को गिरफ्तार किया।
- पूछताछ की तो उसने बताया कि उसके दोस्त शुभम पुत्र प्रकाशचंद्र कडोदिया उम्र 22 वर्ष निवासी गिरिराज रतन कॉलोनी ने उसे बताया था कि प्रहलाद पुत्र कचरूलाल उम्र 54 वर्ष निवासी ग्राम गोलवा, तराना एवं कमलेश पुत्र गोपाल लोधी निवासी ढांचा भवन नकली नोट को बाजार में चलाने के लिए 30 फीसद के भाव पर देते हैं।
- इस पर दर्गेश, शुभम एवं एक अन्य दोस्त शेखर पुत्र महेश यादव उम्र 31 वर्ष निवासी महानंदा नगर को दो माह पूर्व साथ लेकर कमलेश के पास 90 हजार रुपये लेकर गए थे।
- यहां उससे तीन लाख रुपये के नकली लेकर आए थे, जिसे तीनों ने एक-एक लाख रुपये बांट लिए थे। इन्हीं नकली नोट से दुर्गेश ने वाशिंग मशीन व मोबाइल खरीदा था। इसके आधार पर पुलिस ने उसके दोस्त् शुभम व शेखर को भी गिरफ्तार कर लिया।
गोदाम में छाप रहे थे
पुलिस ने नकली नोट छापने वाले आरोपित कमलेश के ढांचा भवन स्थित गोदाम पर दबिश दी थी। जहां कमलेश व प्रहलाद पुलिस को मिले थे। दोनों के कब्जे से पुलिस ने चार लाख 97 हजार रुपये के नकली नोट व सीपीयू, कलर प्रिंटर, कटर, बटर पेपर, स्केल, केमिकल व अन्य सामग्री बरामद की है।
जेल में हुई मुलाकात
- पूछताछ में पता चला कि प्रहलाद को पुलिस ने वर्ष 2018 में एनडीपीएस एक्ट के मामले में पुलिस ने पकड़ा था। कोर्ट ने उसे दस साल कैद की सजा सुनाई थी।
- इसके अलावा कमलेश को भी पुलिस ने वर्ष 2019 में एनडीपीएस एक्ट के मामले में गिरफ्तार किया था। कोर्ट उसे भी दस साल कैद की सजा सुना चुका है।
- जेल में सजा काटने के दौरान उनकी मुलाकात सुनील पुत्र बाबूराव पाटिल उम्र 32 वर्ष निवासी ग्राम खकनार बुरहानपुर से उनकी मुलाकात हुई थी।
- सुनील को नकली नोट के मामले में वर्ष 2020 में एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। उसे भी कोर्ट ने दस साल की सजा सुनाई है। सुनील ने उन्हें नकली नोट छापने की योजना में शामिल कर लिया था।
जमानत पर बाहर आए थे
फरवरी में सुनील जेल से जमानत पर बाहर आया था। जबकि प्रहलाद व कमलेश पूर्व में ही जमानत पर बाहर आ चुके थे। जेल से बाहर आते ही सुनील ने दोनों से संपर्क किया था। उसके बाद तीनों ने मिलकर नकली नोट बनाने का काम देवास में शुरू किया। नोट को बाजार में चलाने के लिए शुभम एवं उसके साथियों को चुना था।
डेढ़ माह पूर्व ही जेल जा चुका सुनील
जांच में सामने आया है कि देवास पुलिस ने करीब डेढ़ माह पूर्व ही सुनील को नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया था। जिसके बाद से वह देवास जेल में बंद है।