उज्जैन(नईदुनिया प्रतिनिधि)। सिंहस्थ क्षेत्र में बने मकानों को तोड़ने की कार्रवाई का विरोध जारी है। रविवार दोपहर प्रभावितों ने कोठी पैलेस पर धरना दिया। बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता भी उनके सात मौजूद थे। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव, विधायक पारस जैन और नगर निगम के पूर्व अध्यक्ष सोनू गेहलोत के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कहा कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान कब्जेदारों को जमीन के पट्टे बांट रहे हैं और यहां प्रशासन लोगों के मकान तोड़ रहा है। उन्हें बेघर कर रहा है। ये भाजपा नेताओं और प्रशासन की मनमानी है। कुछ भाजपा नेताओं और बिल्डरों को लाभ पहुंचाने की साजिश है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि अगर किसी गरीब के मकान की ईंट भी हिलाई तो पहले हम कांग्रेस नेताओं पर बुलडोजर चलाना होगा। गरीबों के मकान तोड़ने की मुहिम रोकी जानी चाहिए, वरना भोपाल जाकर मुख्यमंत्री निवास घेरेंगे। पूर्व विधायक बटुकशंकर जोशी ने कहा कि अगर अवैध मकान तोड़ना ही है तो पहले भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के अवैध मकान तोड़ें। रिकार्ड मैं उपलब्ध कराता हूं।
मालूम हो कि प्रशासन द्वारा सिंहस्थ क्षेत्र में 2016 के बाद हुए पक्के निर्माण को तोड़ने के लिए कार्रवाई की जा रही है। 363 परिवारों को नोटिस दिए गए हैं। तीन दिन में मकान स्वयं तोड़ने का अल्टीमेटम दिया गया है। नोटिस में कहा है कि अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो नगर निगम सख्ती से हटाएगी। चार दिन पहले खिलचीपुर में गोवर्धन पटेल का मकान तोड़कर इसकी शुरूआत की जा चुकी है। इधर, नोटिस पाए लोगों में हड़कंप मचा है। उनकी नींद उड़ी हुई है। मंगल कालोनी की एक महिला तो सात दिन पहले जहर खाकर आत्महत्या की कोशिश भी कर चुकी है।
कांग्रेस ने खोला मोर्चा, कहा-धर्मनगरी है किसी का घर मत उजाड़ो (बाक्स)
गरीब एवं मध्यमवर्गीय परिवारों के मकान टूटने से बचाने को कांग्रेस ने भी मोर्चा खोल दिया है। भैरवगढ़ रोड पर चक्काजाम करने के बाद सोमवार को शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष महेश सोनी, जिला ग्रामीण अध्यक्ष कमल पटेल, घट्टिया के विधायक रामलाल मालवीय, पूर्व विधायक बटुकशंकर जोशी, विवेक यादव, पूर्व पार्षद माया त्रिवेदी, रवि राय, मुकेश भाटी, भरतशंकर जोशी नोटिस पाए परिवारों को साथ लेकर पिपलीनाका से कोठी पैलेस पहुंचे। यहां घंटेभर धरना दिया। सुनवाई करने आए एडीएम संतोष टगौर, एसडीएम संजीव साहू और एएसपी अमरेंद्रसिंह से कहा कि उज्जैन धर्म की नगरी है। किसी का घर मत उजाड़िए। यहां गरीबों की हाय लगी तो आपकी पीढ़ियों तक को माफी नही मिलेगी।
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सवाल- सिंहस्थ क्षेत्र में तो मृदा प्रोजेक्ट भी ले चुका आकार, क्या इसे डिनोटिफाइ कराया
कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश तिवारी ने कहा कि सिंहस्थ क्षेत्र में तो 97 करोड़ रुपये का मृदा प्रोजेक्ट भी आकार ले चुका है। क्या इस भूमि का डिनोटिफाइ कराया है। एक सरकारी कालेज का निर्माण भी तो सिंहस्थ भूमि पर हुआ है। पिपलीनाका क्षेत्र के कई नेताओं सहित आम नागरिकों के तने सारे मकानों की क्या भवन निर्माण अनुज्ञा जारी हुई है। जब सिंहस्थ क्षेत्र में पक्का निर्माण नहीं हो सकता तो विधायक निधि से सडतक, नाली का निर्माण नगर निगम ने कैसे कर दिया। वहां बिजली के खंभे कैसे तन गए। विधायक निधि के दुरुपयोग के लिए विधायक पर होना चाहिए। सिंहस्थ भूमि पर आगे से कोई निर्माण न हों, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
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यह भी बोले नेता
- कोई भी साधु या संत बसे-बसाए घर को उजाड़ने की अनुमति कतई नहीं देगा। क्या मकान तोड़ने को लेकर धर्म गुरुओं या साधु-संतों से अनुमति ली गई है।
- मास्टर प्लान-2035 स्वीकृत होने में देरी क्यों की जा रही है। शिप्रा नदी से लगी सांवराखेड़ी, जीवनखेड़ी की जमीन को सिंहस्थ क्षेत्र में अधिसूचित क्यों नहीं किया जा रहा है।
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महिला ने जहर खाया था, अब चार लोगों को दिल का दौरा पड़ा
शहर कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष विवेक यादव ने कहा कि अपना मकान तोड़ने का नोटिस पाए लोग डरे हुए हैं। मंगल कालोनी की एक महिला ने तनाव में आकर सात दिन पहले जहर खा लिया था। रविवार को चार लोगों को दिल का दौड़ा पड़ा। चारों को अस्पताल में भर्ती कराया है। गरीब लोगों को हटाकर सिहंस्थ करना किसी भी तरह से न्याय संगत नहीं है। अखाड़ों को मुफ्त जमीन देने की बजाय शासन-प्रशासन, किसानों को 5 गुना दाम देकर उनसे जमीन खरीद अखाड़ो को दे। इससे जमीन संरक्षित भी हो जाएगी और सिंहस्थ भी लग जाएगा। हर बार 5000 करोड़ खर्च करने से तो यह ज्यादा अच्छा है।
संत बोले- जब निर्माण हो रहे थे, तब कहां सोया था शासन-प्रशासन
-केंद्र सरकार के समक्ष उठाएंगे मुद्दा,
-500 साल का मास्टर प्लान बनना चाहिए
-सचित्र..03 यूजेजे- 14-.डा.अवधेशपुरी महाराज
उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। सिंहस्थ महापर्व अंतरराष्ट्रीय मेला है। इसकी भूमि पर एक ईंट भी जोड़ना अपराधा है। मगर यहां तो कई कालोनियां कट गई हैं। इनमें बिजली, पानी, सड़क आदि मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं। सर्वसुविधा युक्त कालोनियों को वैध मानकर सैकड़ों लोगों ने मकान भी बना लिए हैं। इनता सबकुछ हो गया और शासन, प्रशासन के नुमाइंदे सोते रहे और अब अचानक गरीबों के आशियाने तोड़ने खड़े हो गए हैं। ये गलत है। सिंहस्थ के लिए 500 साल का मास्टर प्लान बनना चाहिए। ये मुद्दा केंद्र सरकार के समक्ष भी रखा जाएगा।
नोयडा में नरेंद्र मोदी विकास मिशन के राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल होने गए शहर के क्रांतिकारी संत परमहंस डा.अवधेशपुरीजी महाराज ने नईदुनिया से चर्चा में उपरोक्त बातें कहीं। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार महाकाल मंदिर के विकास व सुंदरीकरण के लिए 100 साल का प्लान बना रही है। लेकिन सिंहस्थ महापर्व को लेकर केवल सिंहस्थ के समय ही चर्चा की जाती है। जबकि सिंहस्थ महापर्व के लिए 500 साल का मास्टर प्लान बनाया जाना चाहिए। बीते 40 सालों में आयोजित होने वाले सिंहस्थ महापर्व के लिए हर बार दो गुना जमीन की आवश्यकता पड़ी है। ऐसे में 2028 में होने वाले सिंहस्थ महापर्व के लिए और भी अधिक भूमि की आवश्कता होगी। केंद्र व राज्य सरकार को इस दिशा में विचार करना चाहिए।
आश्चर्य है कि विकास कार्य भी हो गए
03 यूजेजे- 15ः राष्ट्रीय संत बालयोगी उमेशनाथजी
सिंहस्थ क्षेत्र में कई कालोनियां कट गई और विकास कार्य भी हो गए। समाचार पत्रों से ज्ञात हुआ है कि कालोनियों में पक्की सड़कें, बिजली, पानी आदि की समस्त सुविधाएं मौजूद हैं, यह आश्चर्य का विषय है। सिंहस्थ क्षेत्र का मास्टर प्लान बनना चाहिए। इसकी भूमि का सीमांकन हो तथा यह तथ्य स्पष्ट हो कि इस क्षेत्र में किस बाबत निर्माण होगा, निर्माण का प्रकार कैसा होगा, कितने क्षेत्र में निर्माण किया जा सकेगा। अगर कोई व्यक्ति या संस्था नियम विरुद्ध निर्माण करते हैं, तो उसके विरुद्ध क्या कार्रवाई होगी।
-राष्ट्रीय संत बालयोगी उमेशनाथजी महाराज, पीठाधीश्वर श्रीक्षेत्र वाल्मीकि धाम
कोई बेघर ना हो इसके लिए अखाड़ा परिषद् व संतों से संवाद करेगी कांग्रेस
उज्जैन। सिंहस्थ क्षेत्र में शासन व प्रशासन की अनदेखी से विकसित हुई कालोनियों में कई लोगों ने अपने आशियानें बना लिए हैं। जीवनभर की कमाई से पाई पाई जोड़कर गरीबों ने अपने लिए घरोंदे बनाए हैं, अब अतिक्रमण के नाम पर इन्हें बेघर ना होना पड़े इसके लिए कांग्रेस पार्टी का प्रतिनिधि मंडल अखाड़ा परिषद् व प्रमुख संतों से संवाद करेगा। मुद्दा होगा कि कोई बेघर न हो।
पूर्व पार्षद माया राजेश त्रिवेदी ने कहा कि रविवार को स्थानीय प्रशासन से लोगों को बेघर नहीं करने को लेकर चर्चा की गई है। अब अखाड़ा परिषद् व प्रमुख संतों से मुलकात कर लोगों के घरों को नहीं तोड़ने के लिए चर्चा करेगा। सिंहस्थ महापर्व संत समाज का है, इसके लिए अगर भूमि पर्व से ही आरक्षित है, तो फिर अतिक्रमण कैसे हो गया। अब जब गरीबों ने इस क्षेत्र में विकसित की गई कालोनियों में मकान बना लिए है, तो उन्हें तोड़ना नहीं चाहिए। साधु संतों को मानवीयता के आधार पर इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए और आने वाले समय में सिंहस्थ के लिए किस प्रकार भूमि का संरक्षित करें इस पर योजना बनाना चाहिए।