नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। मोक्षदायिनी शिप्रा नदी के जल की शुद्धि के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने शनिवार को उज्जैन में 598 करोड़ 66 लाख रुपये की कान्ह डायवर्शन क्लोज डक्ट परियोजना का भूमि पूजन किया।मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने शनिवार को उज्जैन में 20 बंदियों के लिए सपरिवार आवास करने को 3 करोड़ 25 लाख रुपये से बनाई खुली जेल का लोकार्पण भी किया।
#WATCH | Madhya Pradesh CM Mohan Yadav says, "I came here on the occasion of the inauguration of the open jail...This is the 8th open jail in the state...Our effort is to provide all basic facilities in the jail..." https://t.co/tms852iT6H pic.twitter.com/pMOsWbG1YM
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) June 15, 2024
कहा कि सिंहस्थ- 2028 को ध्यान में रखकर परियोजना स्वीकृत हुई है। ये परियोजना 42 महीने में पूरी होगी। प्रदूषित कान्ह का पानी शिप्रा के नहान क्षेत्र में मिलने से रोकने को जमालपुरा गांव में पांच मीटर ऊंचा स्टाप डैम बनाया जाएगा। यहां से गंभीर बांध के डाउन स्ट्रीम क्षेत्र तक 28.650 किलोमीटर लंबी एवं 4.5 मीटर की डी आकार आरसीसी बाक्सनुमा पाइपलाइन बिछाई जाएगी।
पाइपलाइन के जरिये इंदौर से उद्वलित कान्ह का 40 क्यूमेक गंदा पानी डायवर्ट होगा। पाइपलाइन के शुरूआती और अंतिम छोर पर पहुंच मार्ग भी बनाया जाएगा ताकि सफाई कार्य के लिए मशीनरी आसानी से आ-जा सके। अंतिम छोर पर 100 मीटर लंबी ओपन चैनल बनाई जाएगी। प्रोजेक्ट को हैदराबाद की मेसर्स वेंसर कंस्ट्रक्शन कंपनी, रिवर वोट हाइड्रोएल एलएलपी कंपनी के साथ 479 करोड़ 89 लाख रुपये में पूरा करेगी और अगले 15 वर्षों तक पाइपलाइन का रखरखाव करेगी।
कान्ह का पानी उपचार कर किसानों को सिंचाई के लिए दिया जाएगा। सरकार, शिप्रा को सदानीरा रखने को 600 करोड़ रुपये की एक अन्य योजना भी बना रही है, जिसके तहत सेवरखेड़ी गांव में शिप्रा नदी पर बैराज बनाकर वहां से शिप्रा का पानी लिफ्ट कर सिलारखेड़ी तालाब में ले जाया जाएगा। फिर यही पानी आवश्यकता पड़ने पर पुन: शिप्रा में छोड़ा जाएगा।
इससे शिप्रा का पानी शिप्रा में ही रहेगा। इसके पहले उन्होंने 217 करोड़ की विभिन्न सड़क परियोजना का भूमि पूजन एवं इंडियन कैफे हाउस और भैरवगढ़ क्षेत्र में बनी खुली जैल का लोकार्पण भी किया। रामघाट से प्रारंभ हुई दो दिवसीय 55 किलोमीटर लंबी शिप्रा तीर्थ परिक्रमा यात्रा में सहभागिता भी की। कार्यक्रम में सांसद अनिल फिरोजिया, राज्यसभा सदस्य बालयोगी उमेशनाथ महाराज, विधायक अनिल जैन, सतीश मालवीय, तेजबहादुर सिंह चौहान , जितेन्द्र पंड्या शामिल हुए।
मध्यप्रदेश के रमणीय पर्यटन स्थलों को हवाई सेवा से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री रविवार को उज्जैन में पीएमश्री पर्यटन वायु सेवा और पीएम श्री धार्मिक पर्यटन हेली सेवा का शुभारंभ करेंगे। यात्री एयरक्राफ्ट के जरिये उज्जैन से भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, इंदौर, सिंगरोली, खजुराहो की यात्रा सशुल्क कर सकेंगे। सीएम शाम 5.30 बजे शिप्रा तीर्थ परिक्रमा यात्रा के समापन कार्यक्रम में सहभागिता कर शिप्रा को चुनरी अर्पित करेंगे। प्रदेश में पहली बार सेटेलाइट मैपिंग के साथ उज्जैन की नदियों की समग्र जानकारी पर आधारित पुस्तक का लोकार्पण भी करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले चरण में जल्द ही उज्जैन-इंदौर सिक्सलेन और उज्जैन-जावरा व्हाया नागदा फोरलेन सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन करेंगे। सिक्सलेन का निर्माण सिविल वर्क पर 735 करोड़ 36 लाख रुपये रुपये से और उज्जैन- जावरा फोरलेन का निर्माण 5017 करोड़ रुपये से किया जाएगा। विकास का यह क्रम संत समाज के सहयोग से निरंतर जारी रहेगा। विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्जैन में प्रतिमाएं बनाने का कारखाना स्थापित किया जाएगा। यहां बनी प्रतिमाएं प्रदेश और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगी। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। यहां पीतल से भी प्रतिमाएं बनाई जाएंगी। पूजा-पाठ सामग्री, भगवान की पोशाक, पूजा के पात्र भी प्रदेश में बनवाकर देश के कोने-कोने में उपलब्ध कराए जाएंगे।
भगवान राम और कृष्ण के समय के ऐतिहासिक क्षणों के साक्षी रहे स्थलों का विकास किया। महाकाल महालोक में स्थापित फाइबर-रिइंफोर्स्ड प्लास्टिक से बनी सप्त ऋषियों की मर्तियां हटाकर पत्थर की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। मूर्तियों का निर्माण उज्जैन में शुरू हो चुका है।