उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। कोरोना संक्रमण के कारण रेलवे द्वारा कई पैसेंजर ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया था। इन ट्रेनों को दोबारा चलाया जा रहा है। ट्रेन संख्या 19303 इंदौर-उज्जैन- भोपाल रात्रिकालीन गाड़ी 14 अप्रैल से शुरू की जा रही है। वहीं ट्रेन संख्या 19304 को 15 अप्रैल से भोपाल से शुय किया जा रहा है। दोनों ट्रेनें कोविड के कारण बंदकर दी गई थी। इसी प्रकार ट्रेन संख्या 59319 उज्जैन-भोपाल 15 अप्रैल से उज्जैन से भोपाल के लिए एवं भोपाल से उज्जैन के लिए फिर से चलाई जा रही है। कोरोना के कारण दोनों ट्रेनों के बंद होने से आम लोग खासे परेशान हो रहे थे। उज्जैन-आलोट सांसद अनिल फिरोजिया ने रेल बजट पर चर्चा के समय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से बंद की गई सभी लोकल सवारी गाड़ियां एवं मेल एक्सप्रेस गाड़ियों को फिर से शुरू करने की मांग की थी। इसके अलावा 6 अप्रैल को रेल मंत्री से मुलाकात की थी।
बीमारी के लक्षणों के आधार पर होता है होम्योपैथी से इलाज
-होम्योपैथी के जनक डॉ. सेम्युअल हैनीमेन के जन्म दिवस 10 अप्रैल पर विशेष
उज्जैन। होम्योपैथी भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में सबसे लोकप्रिय चिकित्सा प्रणालियों में से एक है। इस पद्धति से इलाज में ना के बराबर विपरीत प्रभाव होते हैं। इसमें किसी भी बीमारी का इलाज लक्षणों के मिलान के आधार पर किया जाता है।
होम्योपैथी चिकित्सा विशेषज्ञ सिद्धार्थ मारोठिया ने बताया कि होम्योपैथी के पितृपुरुष कहे जाने वाले डा. सेम्युअल हैनीमेन का जन्म 267 वर्ष पूर्व 10 अप्रैल हुआ था। वे होम्योपैथी के जनक थे। इस पद्धति में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में सुधार के लिए उन तत्वों की पहचान की जाती है जो शरीर के संपर्क में आकर प्रतिक्रिया करते है और लक्षण प्रदर्शित करने का कारण बनते हैं। इस आधार पर होम्योपैथिक डाक्टर दवाएं देते हैं। इससे शरीर में एंटीबॉडी का निर्माण होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है।
विश्व में 66 देशों में होता है इलाज
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व में 66 देशों में होम्योपैथी से इलाज होता है। दुनिया में इलाज के लिए यह दूसरी सबसे प्रचलित पद्धति है। होम्योपैथी की सही दवा एवं सही मात्रा में लेने से शरीर की सुरक्षा पद्धति को सक्रिय बनाकर स्वयं ठीक होने में मदद करती है।