उज्जैन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। श्रावण शुरू होने से पहले उज्जैन के महाकाल मंदिर क्षेत्र में भगवान शिव की बारात सज गई है। नंदी पर सवार भगवान शिव, उनके आगे मंगल वाद्य यंत्र बजाते देवता मन लुभा रहे हैं। सूरत के कलाकारों ने फाइबर से बनी कलाकृति को रूद्रसागर किनारे स्थापित किया है। अब तांडव करते शिव की 9 विभिन्ना मुद्राओं वाली मूर्तियों को स्थापित करने की तैयारी की जा रही है। कहा गया है कि मूर्तियों की स्थापना के बाद इन पर रंग चढ़ाया जाएगा। दीपावली के आसपास सभी श्रद्धालु, सुसज्जित परिसर में कुल 190 विशाल शिव मूर्तियों के नजदीक से दर्शन कर पाएंगे।
मालूम हो कि प्रदेश सरकार महाकाल मंदिर परिसर को आठ गुना बड़ा कर खूबसूरत बनवा रही है। ताकि श्रद्धालु अपने आराध्य के सुलभ दर्शन कर सके और यहां आकर अच्छा महसूस कर सके। ये काम उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी के माध्यम से दो चरणों में कराया जा रहा है। पूरे प्रोजेक्ट का बजट 700 करोड़ रुपये है। प्रथम चरण में 97 करोड़ रुपये से मंदिर के पीछे बड़ा रूद्रसागर तरफ महाकाल मंदिर पहुंच के लिए नया द्वार, 920 मीटर लंबा गलियारा, शिव अवतार वाटिका, कमल तालाब, सप्तऋषि वन, व्यावसायिक दुकानों का निर्माण पुरातन स्वरूप में किया जा रहा है। कार्य लगभग अंतिम चरण में जा पहुंचा है। परिसर में तैयार मूर्तियां और दीवारों पर उकेरे जा रहे भित्ती चित्र लोगों को लुभा रहे हैं। जबकि स्थापना, फिनिशिंग के साथ रंग-रोंगन और लैंड स्केपिंग का काम अभी बाकी है।
6 से 25 फीट ऊंची हैं मूर्तियां
लाल पत्थर और फाइबर से बनी इन मूर्तियां की ऊंचाई 6 से 25 फीट तक है। निर्माण गुजरात और ओडिसा के कलाकारों ने कर लिया है। दावा किया जा रहा है कि अगले कुछ सप्ताह में सभी मूर्तियां एक-एक कर स्थापित कर दी जाएंगीं। यह ऐसी मूर्तियां हैं, जिन पर तेज धूप, सर्दी और बारिश का कोई असर नहीं पड़ेगा।
मूर्तियों को आमजन नहीं कर सकेंगे स्पर्श
भगवान की मूर्तियों से लोगों की आस्था जुडती है। इसलिए स्थापना के बाद सभी मूतियों की विधिवत प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। विशाल मूर्तियां के आसपास इस प्रकार का वातावरण बनाया जाएगा कि कोई भी श्रद्धालु इन्हें स्पर्श नहीं कर सकेगा। सिर्फ दूर से ही दर्शन कर सकेगा। इससे इनके खंडित होने की संभावना भी नगण्य रहेगी।
यह भी जानिए
रूद्रसागर के किनारे मूर्तियों को बनाने, उनकी स्थापना करने के साथ महाकाल मंदिर पहुंचने को नया भव्य प्रवेश द्वार, 920 मीटर आकर्षक गलियारा, कमल तालाब, सप्तऋषि वन, प्रसाद काउंटर, टिकट काउंटर, व्यावसायिक दुकानों, फैसिलिटी सेंटर का निर्माण भी अंतिम चरण में जा पहुंचा है।