उज्जैन। विश्व प्रसिद्घ ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर की हाईटेक व्यवस्था अपग्रेड हो रही हैं। मंदिर प्रशासन ने निजी बैंक के सहयोग से नया एप तैयार कराया है। अधिकारियों के अनुसार नया एप महाकालेश्वर एप का अपग्रेड वर्जन है। इस एप के शुरू हो जाने पर भक्तों को एक क्लिक पर मंदिर की संपूर्ण व्यवस्था की जानकारी मिलेगी। बैंक अधिकारियों ने मंदिर कार्यालय में एप का प्रजेंटेशन देकर उपयोगिता की जानकारी दी।
सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरके तिवारी ने बताया ज्योतिर्लिंग महाकाल देश-विदेश में करोड़ों भक्तों की आस्था का केंद्र है। मृदा परियोजना पूर्ण होने के बाद मंदिर देश के प्रमुख धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में उभरेगा। मंदिर समिति इसके अनुरूप व्यवस्थाओं को भी सुदृढ़ कर रही है। समिति ने हाल ही में एचडीएफसी बैंक के माध्यम से नया एप तैयार कराया है। यह एप वर्तमान महाकालेश्वर एप का अपग्रेड वर्जन होगा। नए एप को डॉउनलोड करने के बाद एक क्लिक पर मंदिर से जुड़ी संपूर्ण जानकारी भक्तों को मिलेगी। दर्शनार्थी एप पर दर्शन, भस्मारती आदि की बुकिंग करा सकेंगे। दान, अभिषेक-पूजन, अतिथि निवास आदि की बुकिंग भी एप पर होगी। दर्शन का समय, पूजन का समय, मंदिर में मनाए जाने वाले उत्सव, तीज, त्यौहार, महाकाल की सवारी आदि की संपूर्ण जानकारी भी एप पर रहेगी।
पुजारियों को मंदिर से हटाया, महासंघ ने नाराजी जताई
उज्जैन। देवास के पिपरी गांव व उज्जैन में संगमेश्वर महादेव मंदिर में प्रशासन ने दबंगों के दबाव में पुजारियों को मंदिर से बेदखल कर दिया है। इससे नाराज पुजारी महासंघ ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को पत्र लिखकर पुजारियों के विरुद्घ अपनाई जा रही दोहरी नीति को समाप्त करने की मांग की है। महासंघ का कहना है कि प्रदेश में पुजारियों पर हो रहे अत्याचार के मामले लगातार समाने आ रहे हैं। लेकिन सरकार दबंग तथा उनका साथ देने वाले अफसरों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं.महेश पुजारी ने बताया कुछ जनप्रतिनिधि, अधिकारी व दबंग लोग मिलकर मंदिरों की भूमि और संपत्ति के लालच में पुजारियों पर अत्याचार कर उन्हें बेदखल करने की कार्रवाई कर रहे हैं। हालही में देवास जिले के बागली तहसील के गांव पिपरी में सीता माता मंदिर के पुजारी तथा उज्जैन के संगमेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी को बेदखल कर दिया गया है। जबकि इन मंदिरों में पुजारी पीढ़ियों से वंशानुगतरूप से सेवा पूजा कर रहे हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष के अनुसार एक ओर मध्य प्रदेश सरकार पुजारियों को अनेक प्रकार के हितलाभ दे रही है। वहीं दूसरी ओर मॉनीटरिंग के अभाव में पुजारियों को हक से बेदखल किया जा रहा है। मामले में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है।