
Ujjain News: राजेश वर्मा, उज्जैन। शिप्रा को सदानीरा व प्रवाहमान बनाने के लिए महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) समिति भी प्रयासरत है। शिप्रा स्वच्छता के लिए मंदिर समिति बीते 22 सालों में नगर निगम को 54 लाख रुपये का दान दे चुकी है।हालांकि इस राशि का निगम ने कितना सदुपयोग किया है, यह सबको पता है। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में शिप्रा स्वच्छता (Shipra River Ujjain) के लिए दानपेटी लगी हुई है। देश दुनिया से महाकाल दर्शन करने आने वाले भक्त भगवान को भेंट अर्पित करने के साथ शिप्रा स्वच्छता के लिए भी मुक्त हस्त से दान करते हैं।
नगर निगम को 54 लाख रुपये दिए दान
महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) प्रशासन द्वारा समय-समय पर भेंट पेटी खोली जाती है। साथ ही दानराशि की गणना कर इसका अलग से हिसाब रखा जाता है। मंदिर प्रशासन के अनुसार वर्ष 2001 से 2023 तक शिप्रा स्वच्छता के लिए लगाई गई भेंट पेटी में 80 लाख रुपये प्राप्त हुए हैं। मंदिर समिति इसमें से समय-समय पर नगर निगम को करीब 54 लाख रुपये दे चुकी है।
हालांकि नगर निगम (Ujjain Nagar Nigam) इस राशि का किस रूप में और कहा उपयोग किया, इसकी जानकारी मंदिर प्रशासन को नहीं है। अफसरों का कहना है कि हम नगर निगम को शिप्रा स्वच्छता के लिए यह राशि भेंट करते हैं। नगर निगम द्वारा इसी मद में यह राशि खर्च की जाती होगी।
महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा गोशाला, अन्नक्षेत्र, चिकित्सा सेवा तथा वैदिक शोध संस्थान जैसे समस्त प्रकल्पों का संचालन दान के माध्यम से किया जाता है। मंदिर प्रशासन के अनुसार सनातन धर्म के लिए वेद व संस्कृत का पोषण तथा गायों का संवर्धन आवश्यक है। इसलिए मंदिर समिति प्रतिवर्ष दान से प्राप्त लाखों रुपये खर्चकर इन प्रकल्पों का संचालन कर रही है। आम भक्तों की सुविधा व सेवा के लिए नि:शुल्क अन्नक्षेत्र व चिकित्सा सेवा संचालति की जाती है। शिप्रा स्वच्छता में हमारा प्रयास निरंतर जारी है।