नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। सिंहस्थ-2028 की व्यापक तैयारी को गति देने के लिए राज्य स्तरीय पर्यवेक्षण समिति की पांचवीं बैठक बुधवार को भोपाल में मुख्य सचिव अनुराग जैन की अध्यक्षता में हुई। बैठक में उज्जैन समेत संभाग के सात जिलों के कुल 48 प्रस्तावित कार्य कराने की स्वीकृति दी गई। स्वीकृत कार्यों में उज्जैन के 981 करोड़ रुपये के 27 कार्य और खरगोन के 1552 करोड़ के तीन बड़े कार्य शामिल हैं।
बैठक में मेला क्षेत्र की सड़कों, ट्रैफिक कनेक्टिविटी, घाटों के उन्नयन, रेलवे स्टेशन कनेक्टिविटी, पार्किंग, आवासीय परिसरों और सौंदर्यीकरण कार्यों पर विशेष जोर दिया गया। उज्जैन में सिंहस्थ की दृष्टि से बेहद अहम शिप्रा नदी के पश्चिमी तट पर 162 करोड़ रुपये से 14 किलोमीटर लंबा सिक्सलेन हाई स्पीड रिवर कॉरिडोर (एमआर-22) बनाने की परियोजना, गोपाल मंदिर के सामने स्थित रीगल टाकीज तोड़कर वहां 21 करोड़ रुपये से पार्किंग सह प्लाजा एवं दुकानों का निर्माण कराने की योजना प्रमुख है।
इसके अलावा गढ़कालिका मंदिर से पीर मस्तनाथ समाधि तक का संपर्क मार्ग, महाकाल मंदिर क्षेत्र से रामघाट को जोड़ने वाली सड़क प्रमुख, 15 घाटों का उन्नयन कार्य, रेलवे स्टेशन से मेला क्षेत्र तक की सीधी कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए नईखेड़ी, पंवासा, चिंतामन गणेश और नागदा साइड पर पुल और सड़क परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं।
महापौर और निगम अधिकारियों के लिए नए आवास परिसरों के निर्माण हेतु भी 31 करोड़ 74 लाख रुपये का प्रस्ताव पारित किया गया। बैठक में उज्जैन कलेक्टर रौशन कुमार सिंह, मेला अधिकारी आशीष सिंह मुख्य रूप से शामिल हुए थे।
नगर निगम द्वारा 45 करोड़ रुपये से गरोठ, आगर, देवास, इंदौर, बड़नगर मार्ग सहित नौ मार्गों पर स्वागत द्वार बनाने, पंवासा में विस्थापित लोगों के लिए 10 करोड़ 34 लाख रुपये से 654 प्लाट की पुनर्वास कालोनी काटने, एमआर-5 और गंदिया ट्रेचिंग ग्राउंड पर पड़े एक लाख टन लेगेसी वेस्ट का निष्पादन 12 से 14 माह में कराने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया।