
राजेश वर्मा, नईदुनिया, उज्जैन। महाकाल की नगरी उज्जैन देश की पहली सर्पमित्र नगरी बनेगी। मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव की मंशा के अनुसार यहां सांपों के संरक्षण का काम शुरू हो गया है। सांपों से मित्रवत व्यवहार के लिए उज्जैन जिले के 100 से ज्यादा विद्यार्थियों को हायर सेकंडरी स्कूल में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अगले चरण में डॉक्टर, हेल्थ वर्कर, किसान और पंचायत सचिवों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
दरअसल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जैव विविधता, वन्य जीव व सरीसृप के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने ओंकारेश्वर के समीप नर्मदा में मगरमच्छ को नया आवास दिया है। कोबरा सांप के संरक्षण की दिशा में भी काम शुरू हो गया है। सीएम की मंशा है कि न सांप किसी को काटे और न सांप को कोई मारे। दोनों में मित्रता का रिश्ता पर्यावरण संतुलन का काम करेगा।
सर्प विशेषज्ञ डॉ. मुकेश इंग्ले ने बताया सर्प संरक्षण के लिए उज्जैन को नोडल जिला बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री का कहना है कि सांप भगवान शिव के गले का हार है। इस उन्हें सुरक्षित करने का काम भी महाकाल की नगरी से होना चाहिए। उज्जैन में सरीसृप के संरक्षण की शुरुआत डॉ. यादव ने दो दशक पहले कर दी थी।
जब उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष थे, तब नानाखेड़ा क्षेत्र में सरीसृप संरक्षण संस्थान की स्थापना की गई थी, जो सांपों के संरक्षण की दिशा में अनवरत काम कर रहा है। 14 से 18 जनवरी तक होने वाले महाकाल महोत्सव में इसके लिए जागरूकता कार्यक्रम किए जाएंगे। इसके लिए समिति गठित की गई है।