नईदुनिया प्रतिनिधि, उमरिया। जिले के पाली जनपद अंतर्गत ग्राम गिंजरी के नेताजी सुभाषचन्द्र बोस हॉस्टल से पांच छात्राएं लापता हो गईं हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए एसपी निवेदिता नायडू ने बताया कि लापता सभी छात्राएं नाबालिग हैं और वे अपने कमरे में नोट रखकर गई हैं, जिसमें लिखा है कि वे कुछ बनने जा रही हैं और बनने के बाद ही वापस लौटेंगी।
एसपी ने यह भी बताया कि लापता होने वाली सभी छात्राएं तेरह साल की हैं। इनमें से चार उमरिया जिले की हैं जबकि एक डिडौंरी जिले की रहने वाली है। छात्राओं के लापता होने की जानकारी मिलने के बाद उनके अभिभावक भी पहुंच गए हैं जिनका रो-रोकर बुरा हाल है। अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि छात्रावास में किसी भी तरह की सुरक्षा न होने से उनकी बच्चियां वहां से गायब हुई हैं।
छात्रावास की अधीक्षक अर्चना मरावी का कहना है कि सभी छात्राएं रात ग्यारह बजे तक हॉस्टल में ही थीं। दरअसल रात में जन्माष्टमी के कार्यक्रम का आयोजन हॉस्टल में किया गया था जिसमें सभी छात्राएं शामिल हुई थीं, जिनमें वे छात्राएं भी थीं जो लापता हो गई हैं। रात ग्यारह बजे यह सभी छात्राएं अपने कमरे में चली गई थीं और सुबह जब लापता पांच छात्राएं अपने कमरे से निकलकर नहीं आई तो उनकी तलाश शुरू की गई। यह देखकर सभी घबरा गए कि छात्राएं अपने कमरे में नहीं थीं और उनका सामान भी नहीं था।
बताया जा रहा है कि अधीक्षक अर्चना मरावी कृष्ण जन्माष्टमी के दिन अवकाश पर थीं और उनकी गैर हाजिरी में उनकी सहायिका छात्रावास की जिम्मेदारी संभाल रही थी। उसने जब अधीक्षक को बताया कि पांच छात्राएं लापता है तब वे हॉस्टल पहुंची और इसके बाद उन्होंने अपने विभाग को मामले की जानकारी दी। इस मामले की जानकारी कलेक्टर को दी गई जिसके बाद पाली एसडीएम अंबिकेश प्रताप सिंह, एसपी निवेदिता नायडू, एसडीओपी एससी बोहित और नगर निरीक्षक राजेश चन्द्र मिश्रा हॉस्टल पहुंच गए।
हॉस्टल पहुंचते ही पुलिस को अधीक्षक ने छात्राओं द्वारा छोड़ा गया वह नोट दे दिया जिसमें छात्राओं ने अपनी मर्जी से हास्टल छोड़ने की बात लिखी है। एसडीएम अंबिकेश प्रताप सिंह का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि आखिर छात्राएं हॉस्टल से निकलने के बाद गई कहां हैं। पुलिस और जिला प्रशासन इस मामले में अपने स्तर पर काम कर रहा है लेकिन मामले में सावधानी भी बरती जा रही है कि कोई जानकारी बाहर न जाने पाए।
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लापता छात्राओं के अभिभावकों ने छात्रावास में सुरक्षा की कमी को लेकर जो आरोप लगाए हैं वह गलत नहीं है। छात्रावास में बाउंड्रीवाल की कमी तो है ही साथ ही यहां सीसीटीवी कैमरे भी काम नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा सुरक्षा के कोई अतिरिक्त संसाधन भी यहां नहीं है। यही कारण है कि छात्राओं को रात ग्यारह बजे के बाद यहां से निकलने में कोई परेशानी नहीं हुई।