
नईदुनिया प्रतिनिधि, उमरिया। मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक बाघ शावक की मौत आश्चर्यजनक ढंग से हो गई। इस बाघ पर पिछले दो दिनों से नजर रखी जा रही थी और देखते-देखते ही उसकी जान चली गई। इस बाघ की उम्र महज दो साल थी। जंगल से निकलकर गांव की ओर जाने से रोकने के लिए उस पर लगातार नजर रखी जा रही थी। पोस्टमार्टम में भी मौत के वास्तविक कारण का पता नहीं चल पाया है, लेकिन वन्य जीव विशेषज्ञ संक्रमण और ठंड की वजह से शावक की मौत की आशंका व्यक्त कर रहे हैं।
हालांकि उनका यह भी कहना है कि सामान्यत: वन्य जीव प्राकृतिक रूप से स्वयं को मौसम के अनुकूल ढालने में सक्षम होते हैं, इसीलिए इस शावक की मौत फिलहाल मध्य प्रदेश के वन विभाग में अबूझ पहेली बनी हुई है। संक्रमण की पुष्टि अभी नहीं हुई है। दरअसल, एक तरफ पूरे मध्य प्रदेश में बाघ गणना की तैयारी चल रही है।
इसी बीच शुक्रवार की देर शाम बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक बाघ शावक की मौत ने समूचे वन अमले को हिला दिया। बाघ की मौत की यह घटना पतौर रेंज में हुई। पार्क प्रबंधन की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, दो दिन पहले पतौर परिक्षेत्र के ग्राम कुश्माह के कृषि राजस्व क्षेत्र में बाघ के बैठे होने की सूचना मिली तो वन स्टाफ ने कुछ दूर से उसकी सतत निगरानी प्रारंभ की थी।
शुक्रवार को भी बाघ की निगरानी की जा रही थी, ताकि बाघ गांव की तरफ न जा सके। निगरानी के दौरान ही शुक्रवार 21 नवंबर की दोपहर बाघ की मृत्यु हो गई। पोस्टमार्टम एवं शव दाह की कार्रवाई शनिवार को की गई।
शावक के शव का पोस्टमार्टम वन्यजीव विशेषज्ञ चिकित्सकों की मौजूदगी में किया गया। शावक के सभी अंग सुरक्षित मिले हैं। पोस्टमार्टम में मृत्यु का संभावित कारण संक्रमण होने की आशंका व्यक्त की गई है। अभी वन्य जीव किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं। संक्रमण की पुष्टि फिलहाल नहीं हो सकी है।
अनुपम सहाय, फील्ड डायरेक्टर, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व