
नईदुनिया प्रतिनिधि, उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से सटे पनपथा गांव के सरैया टोला में गुरुवार की शाम उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब रहवासी क्षेत्र में एक नहीं बल्कि दो बाघों की चहल-कदमी देखी गई। अचानक बाघों को बस्ती की ओर बढ़ते देख ग्रामीणों में भय और दहशत का माहौल बन गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि बाघों ने गांव के ही गेंदिया सिंह के एक मवेशी पर हमला कर शिकार किया था।
मवेशी को निवाला बनाने के दौरान दोनों बाघ रहवासी क्षेत्र तक पहुंच गए। ग्रामीणों ने आपसी साहस दिखाते हुए तेज आवाजें और बर्तनों की खड़खड़ाहट से किसी तरह बाघों को जंगल की ओर खदेड़ा। सूचना मिलने पर वन विभाग और पार्क टीम मौके पर पहुंची, जिन्होंने क्षेत्र का मुआयना किया और ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी है। टीम लगातार क्षेत्र में पेट्रोलिंग और निगरानी बनाए हुए है, ताकि बाघों की गतिविधियों पर नज़र रखी जा सके। फिलहाल गांव में रात होते ही सन्नाटा और डर का माहौल है, जबकि ग्रामीण बाघों की दोबारा आमद की आशंका से अब भी सहमे हुए हैं।
इधर... बाघ गणना फील्ड में दिया गया प्रशिक्षण, जंगल में घूमकर की गई गणना
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में चार वर्षीय राष्ट्रीय बाघ गणना प्रशिक्षण के अंतिम दिन फील्ड में प्रशिक्षण दिया गया। फील्ड सत्र के दौरान ट्रांसेक्ट लाइन गणना की गई जिसमें सभी प्रतिभागियों को तीन अलग अलग समूह में विभाजित करके अलग-अलग स्थानों पर विशेषज्ञों की उपस्थिति एवं मार्गदर्शन में ट्रांसेक्ट लाइन वॉक कराई गई। साथ ही एम स्ट्राइप ऐप के माध्यम से रहवास प्लॉट्स की जानकारी प्रविष्ट की गई।
फील्ड में डेटा संग्रहण में आने वाली कठिनाइयों एवं संभावित त्रुटियों के निराकरण के संबंध में सभी वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा आवश्यक मार्गदर्शन एवं निर्देश दिए गए। गणना के दौरान मिलने वाले वन्यजीव समूहों की बेयरिंग लेने में अमूमन होने वाली त्रुटियों के निवारण एवं समूह में केंद्र के वन्यजीव को फोकस करते हुए बेयरिंग लेने हेतु निर्देश दिए गए। साथ ही, सैंपल प्लाट एवं पेलेट स्ट्रिप के लेआउट एवं पेलेट स्ट्रिप में पेलेट गणना करने के सही तरीके को भी समझाया गया।
फील्ड में कैमरा ट्रैप लगाने में अक्सर होने वाली त्रुटियों पर भी प्रतिभागियों का ध्यान आकृष्ट किया गया। कैमरा ट्रैप को गलत दिशा, दूरी एवं ऊंचाई पर प्रतिस्थापित करने के कारण फ़ोटो बर्न हो जाने पर टाइगर की नहीं मिल पाती ही जिस कारण गणना में सही बाघ संख्या नहीं मिल पाती। इसके अलावा कैमरा ट्रैप आईडी और स्थान के मिसमैच होने के कारण डेटा के परिष्करण में संसाधनों का अपव्यय भी होता है। ऐसी कई संभावित त्रुटियों से बचने के लिए आवश्यक उपाय साझा किए गए।
उक्त प्रशिक्षण में भोपाल से आए अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एल. कृष्णमूर्ति आज के फील्ड सत्र में सम्मिलित हुए। फील्ड सत्र के दौरान श्री कृष्णमूर्ति के साथ बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक डॉ अनुपम सहाय एवं उप संचालक पी.के.वर्मा भी सम्मिलित हुए एवं फील्ड सत्र के उपरांत डब्ल्यूआईआई देहरादून से आए श्री आशीष प्रसाद एवं मास्टर ट्रेनर कमलेश नंदा द्वारा क्लासरूम सेशन के दौरान फील्ड में आई समस्याओं का निराकरण किया गया। दिया प्रोत्साहन: प्रशिक्षण कार्यक्रम में भोपाल से आए मुख्य अतिथि श्री एल. कृष्णमूर्ति द्वारा सभी प्रभागियों को उत्कृष्टता के साथ आंकलन कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
कार्यक्रम के समापन उद्बोधन में उप संचालक पी.के.वर्मा द्वारा मुख्य अतिथि श्री एल.कृष्णमूर्ति के प्रति समस्त बांधवगढ़ प्रबंधन की ओर से आभार प्रकट किया गया एवं सभी प्रतिभागियों को होने वाले आंकलन कार्य के लिए अग्रिम शुभकामनाएं दी गईं। क्षेत्र संचालक एवं वन संरक्षक डा अनुपम सहाय ने विभिन्न वन मंडलों से आये वन मंडल अधिकारियों के साथ गणना तैयारियों की समीक्षा की गई एवं सफलतापूर्वक सम्पन्न होने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए एवं सभी अधीनस्थों को यह एक्सरसाइज पूर्ण समर्पण एवं गंभीरता से करने के लिए मार्गदर्शन दिया।