संजय कुमार शर्मा, उमरिया Bandhavgarh tiger reserve । बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में दो दिन पहले आपसी संघर्ष में तीन साल की बाघिन की मौत के बाद यह सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर यहां सबसे ज्यादा बाघों की मौत आपसी संघर्ष में ही क्यों हो रही है। बीते पांच माह में ऐसी चार घटनाएं हो चुकी हैं। यह सवाल नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) के सामने भी रखा गया है।
भोपाल के आरटीआइ कार्यकर्ता अजय दुबे ने यह सवाल ट्विटर पर उठाया है, लेकिन अभी तक इस सवाल का कोई अधिकृत जवाब नहीं मिला है। उधर, वन्य जीव विशेषज्ञों का कहना है कि जंगल में बाघों की संख्या ज्यादा होने के कारण यह स्थिति निर्मित हो रही है।दरअसल, बांधवगढ़ में 124 बाघ और कई शावक हैं। पार्क 1530 वर्ग किमी में फैला हुआ है और यहां कोर क्षेत्र में 10 जबकि बफर क्षेत्र में 96 गांव बसे हुए हैं।
जानकारों के मुताबिक एक बाघ के लिए कम से कम 15 वर्ग किमी की टेरीटरी (अपना क्षेत्र) जरूरी है। इस लिहाज से पार्क बाघों के लिए छोटा पड़ रहा है। बांधवगढ़ में बाघों का घनत्व ज्यादा है और अब तो शावक भी बड़े होकर अपनी टेरीटरी बनाएंगे। इस वजह से बाघों का आमना-सामना हो जाता है और संघर्ष की स्थिति निर्मित हो जाती है। इसके अलावा बाघिन के संपर्क में आने के लिए और अपने वर्चस्व को बनाए रखने के लिए भी बड़े बाघ शावकों पर हमला कर देते हैं।
ग्रास लैंड प्रबंधन कमजोर
अजय दुबे का कहना है कि बांधवगढ़ का ग्रास लैंड मैनेजमेंट हमेशा से कमजोर रहा है। इस वजह से बाघों में टेरीटोरियल फाइट (इलाके के लिए संघर्ष) ज्यादा होती है। ग्रास लैंड मैनेजमेंट कमजोर होने के कारण जंगल में शाकाहारी जानवरों की कमी हो जाती है। भोजन के लिए शाकाहारी जानवर नहीं मिलते तो वे टेरीटरी बदलने लगते हैं। बाघ जब दूसरी टेरीटरी में पहुंचता है तो उनके बीच संघर्ष की आशंका दोगुनी हो जाती है। यदि प्रबंधन को इसके कारण पता हैं तो संघर्ष खत्म करने के लिए उपाय क्यों नहीं किए जा रहे।
शिफ्टिंग से सुरक्षा
विशेषज्ञों का कहना है कि वयस्क होने वाले शावकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है कि जंगलों को उनके अनुसार तैयार किया जाए। इसके लिए सबसे आवश्यक है कि बाघों की शिफ्टिंग ऐसे जंगलों में की जाए जहां बाघों का घनत्व कम हो।वर्जन- बांधवगढ़ में वयस्क होने वाले शावकों की संख्या ज्यादा है। जब नए बाघ अपनी टेरेटरी बनाने निकलते हैं तो इस तरह का संघर्ष होता ही है।- विंसेंट रहीम, फील्ड डायरेक्टर, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, उमरिया, मप्र