नईदुनिया प्रतिनिधि, उमरिया। मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में उस समय हड़कंप मच गया जब घुनघुटी गांव के हाई स्कूल के पास एक बाघ दिखाई दिया। स्कूल के इतने नजदीक बाघ की मौजूदगी ने न सिर्फ बच्चों और ग्रामीणों में डर पैदा कर दिया, बल्कि नेशनल हाईवे पर बाघ को देखने के लिए भारी भीड़ जमा हो गई, जिससे जाम की स्थिति बन गई। यह घटना वन विभाग की सतर्कता और क्षेत्र की वन्यजीव सुरक्षा नीति पर भी कई सवाल खड़े करती है।
उमरिया जिले के सामान्य वन मंडल अंतर्गत आने वाले घुनघुटी रेंज में मंगलवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब गांव के हाई स्कूल के पास एक बाघ दिखाई दिया। ग्रामीणों के अनुसार बाघ स्कूल के पीछे के जंगल से निकलकर कुछ देर खुले क्षेत्र में घूमता रहा और फिर उसी दिशा में वापस चला गया। बाघ की झलक मिलते ही आसपास के लोग मौके पर इकट्ठा हो गए और हाईवे पर ट्रैफिक रुक गया।
घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। रेंजर अर्जुन सिंह बाजवा ने बताया कि बाघ कुछ देर के लिए क्षेत्र में आया था और फिर जंगल में लौट गया है। फिलहाल उसकी निगरानी की जा रही है और यदि जरूरत पड़ी तो उसे रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर भेजा जाएगा।
स्थानीय लोगों में इस घटना के बाद डर का माहौल है। गांववालों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब किसी बाघ ने बस्ती की तरफ रुख किया हो। पहले भी आसपास के क्षेत्रों जैसे अमिलिया, सुंदर दादर, मालाचूआ, रोगढ़ आदि में बाघ देखे जा चुके हैं। कुछ मामलों में इंसानों और मवेशियों पर हमले भी हुए हैं, जिससे जानमाल का नुकसान हुआ है।
ग्रामीणों की मांग है कि वन विभाग बाघ को पकड़कर बांधवगढ़ नेशनल पार्क या किसी सुरक्षित जंगल में छोड़े, ताकि गांववाले सुरक्षित महसूस कर सकें। वन विभाग ने आश्वासन दिया है कि यदि बाघ गांव के नजदीक दोबारा दिखाई देता है या किसी प्रकार का खतरा उत्पन्न करता है, तो उसे रेस्क्यू कर लिया जाएगा।