नईदुनिया प्रतिनिधि, उमरिया, बिरसिंहपुर पाली: शहडोल के बाद अब उमरिया जिले की पंचायतों से भी मनमानी भुगतान का एक बिल सामने आया है। जिले के पाली जनपद के ग्राम पंचायत बड़वाही में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में भीड़ ले जाए जाने के लिए 8 ऑटो को 16 हजार रुपए का भुगतान किया गया है।
यह बिल सात जून 2025 का है। पेसा एक्ट के तहत ग्राम पंचायत गोरईया में आयोजित मुख्यमंत्री महासम्मेलन में भाग लेने के लिए ग्रामीणों को ले जाने के लिए पंचायत से ऑटो किराया के नाम पर 16,000 रुपये का भुगतान किया गया।
पूर्व विधायक और जिला कांग्रेस कमेटी उमरिया के अध्यक्ष अजय सिंह ने इस पूरे प्रकरण को लेकर पंचायत और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत गोरईया में आयोजित मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बड़वाही पंचायत से ग्रामीणों को ले जाने हेतु जिन आठ ऑटो का भुगतान किया गया, वह वास्तविक दूरी और दर से कहीं अधिक है।
अजय सिंह ने कहा कि बड़वाही से गोरईया की दूरी इतनी नहीं है कि एक ऑटो का 2000 रुपये भुगतान किया जाए। यह सीधा-सीधा फर्जीवाड़ा और पंचायत फंड का दुरुपयोग है। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि यह भुगतान विकास कार्यों के फंड से किया गया, जिससे गांव के मूलभूत विकास कार्य प्रभावित होंगे। ग्रामवासियों के हक का पैसा दिखावे में खर्च कर ग्रामीणों को ठगा जा रहा है।
इस मामले में जब ग्राम पंचायत के सचिव ओमकार द्विवेदी से चर्चा की गई तो उन्हों ने कहा कि यह प्रशासनिक कार्य था, और इसके लिए सीईओ के आदेश थे। इस कार्य में पंचायत के फंड की राशि खर्च नहीं कि गई है। जनपद पंचायत पाली के सीईओ कुंवर कन्हाई से बात की गई, तो उन्होंने पुष्टि की कि पंचायत स्तर पर लोगों को एकत्र कर कार्यक्रम में भेजने के लिए मौखिक निर्देश दिए गए थे।
हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इसका कोई लिखित आदेश जारी नहीं किया गया था। कुंवर कन्हाई ने कहा, मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी पंचायतों को दी गई थी, और उसी के तहत भुगतान पंचायतों के फंड से किया गया। यह मौखिक आदेश के तहत किया गया, जिसकी जानकारी संबंधित पंचायतों को थी।