उमरिया, नईदुनिया प्रतिनिधि। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मानपुर रेंज अंतर्गत शिकार के मामले में एक संदेही युवक ने फांसी का फंदा गले में डालकर आत्महत्या कर ली है। इस मामले को स्वजनों और आदिवासी समाज के लोगों ने वन विभाग द्वारा की गई प्रताड़ना से जोड़ दिया है। युवक का शव मिलने के बाद सोमवार की शाम को आदिवासी समाज के लोग मानपुर रेंज ऑफिस के सामने धरने पर बैठ गए। आदिवासियों ने सड़क को पूरी तरह से घेर लिया जिसकी वजह से यातायात प्रभावित हुआ। बरसते पानी में ये लोग सड़क पर बैठकर वन विभाग के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। घटना की जानकारी मिलने के बाद एसपी विकास कुमार शाहवाल और कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव भी मौके पर पहुंच गए। अधिकारियों ने काफी देर तक आंदोलनरत आदिवासियों को समझाने का प्रयास किया और बाद में उन्हें इसकी जांच का आश्वासन देकर मनाने में सफलता प्राप्त कर ली।
यह है मामला : जनाड़ नदी से सटे घने जंगल में सुरेश पिता सहबु बैगा उम्र लगभग 24 वर्ष निवासी ग्राम कठई थाना पाली का शव फांसी के फंदे पर झूलता हुआ पाया गया था। युवक का शव मिलने के मामले में वन अमले पर स्वजनों ने गम्भीर आरोप लगाए हैं। स्वजनों का कहना है कि मृत युवक सुरेश ने लगातार वन अमले की प्रताड़ना से तंग आकर आत्मघाती कदम उठाया है, जिसमें उसकी मौत हुई है। स्वजनों ने बताया कि पूछताछ के नाम पर मानपुर वन अमला कई बार सुरेश बैगा के साथ जगदेव बैगा, महिपाल बैगा एवं सुखलाल बैगा तीनों निवासी बिजौरी को ले जाया करता था। वन अमला इनके साथ मारपीट के दौरान करंट आदि लगाकर प्रताड़ित करता था। जिसकी वजह से युवक दहशत में आ गया और उसने आत्मघाती उठाया है। इस मामले में पीड़ित महिपाल बैगा ने भी आपबीती बताते हुए कहा है कि प्रताड़ना की हदों को पारकर वन अमला अमानवीय यातनाएं दे रहा था। जिसके बाद सुरेश ने मौत को गले लगाया है। उसने यह भी बताया कि शरीर में अभी भी यातनाओं के जख्म भरे नहीं हैं। हम तीनों ही बराबर जख्मों का उपचार करा रहे हैं।
मौके पर पहुंचे अधिकारी : इस मामले में हादसे के बाद ही मामले की गम्भीरता समझते हुए पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए और आवश्यक कार्रवाई के साथ जांच में जुट गई। हालांकि नाराज आदिवासियों को मनाने में अधिकारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। आदिवासी दिवस के दिन हुई इस घटना की वजह से समाज के कुछ नेताओं ने इस मामले को इतना ज्यादा बढ़ा दिया कि आदिवासी अधिकारियों की बात सुनने को तैयार नहीं थे।
14 मई को मिला था बाघ का शव : मानपुर वन परिक्षेत्र के बड़खेड़ा बीट के रिज़र्व फारेस्ट क्षेत्र में 14 मई को बाघ का जमीन में दबा हुआ शव मिला था। मृत बाघ के शरीर से मूंछ, दांत और नाखून के गायब होने की खबर थी। इसी मामले में वन अमला इन आदिवासी युवकों को घर से उठाकर पूछताछ के लिए ले जाता था और बाद में कुछ दिनों में छोड़ भी देता था। इसके अलावा भी एक अन्य बाघ की मौत हुई थी तथा एक भालू के शरीर के कुछ अंग और बाल भी बरामद किए गए थे। इन सभी मामलों में पूछताछ जारी थी।
दो दिन पहले हुई मौत : इस मामले में यह भी बताया जाता है कि युवक का शव जिस अवस्था में पेड़ पर लटकता मिला है, उससे इसकी मृत्यु दो से तीन दिनों पहले होने की आशंका जताई जा रही है। इस मामले में वन अमले के विरुद्ध पीड़ित जनों के आरोप गम्भीर हैं। इस मामले में बांधवगढ़ फील्ड डायरेक्टर बिसेन्ट रहीम ने कहा है कि स्वजनों के आरोपों के आधार पर पुलिस जांच करेगी, जो सच होगा वो सामने आएगा।
इनका कहना है :
जानवरों की मौत के मामले में कई बार लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया जाता है लेकिन प्रताड़ित किसी को भी नहीं किया जाता। युवक की आत्महत्या की क्या वजह है यह तो जांच में ही सामने आएगा। पुलिस मामले की जांच कर रही है और हमें पुलिस की जांच पर पूरा भरोसा है।
- विंसेंट रहीम, फील्ड डायरेक्टर, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व