नईदुनिया, उमरिया (Umaria News)। अनूपुर जिले के बड़ी तुम्मी गांव की एक महिला की प्रसव पीड़ा के दौरान बाइक पर लंबे सफर के कारण मानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में मौत हो गई। महिला का नाम गायत्री सिंह पति रोहित सिंह बताया था। महिला की मौत की वजह मानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के बीएमओ डॉक्टर निशान्त सिंह ने बाइक पर लंबे सफर के दौरान प्रसव प्रारंभ होने और नवजात के बीच में ही फंसे रह जाने के साथ महिला के एनेमिक होने को बताया है। इस घटना में नवजात शिशु की भी मौत हो गई।
गायत्री सिंह के स्वजनों ने बताया कि उसका स्वास्थ्य खराब होने के बाद वे उसे बाइक से सीधे मानपुर ले गए थे। उन्होंने जननी एक्सप्रेस के लिए इसलिए फोन नहीं किया क्योंकि उन्हें लग रहा था कि कि रास्ता खराब होने के कारण वाहन नहीं पहुंच पाएगा।
बड़ी तुम्मी के उपस्वास्थ्य केन्द्र में भी गायत्री को नहीं दिखाया और न ही एएनएम को इस बारे में कोई जानकारी दी। स्वजनों का कहना है कि उन्होंने गायत्री को 77 किलोमीटर से ज्यादा दूर मानपुर ले जाना इसलिए मुनासिब समझा क्योंकि उसका मायका मानपुर जनपद क्षेत्र में ही था।
अगर स्वजन गायत्री को तिवनी सुंदर दादर के रास्ते बिरसिंहपुर पाली ले जाते तो यह रास्ता महज 28 किलोमीटर लंबा होता और समय से काफी पहले गायत्री को पाली में उपचार मिल सकता था। 12 किलोमीटर घुनघुटी जाने के बाद भी अगर उसे पाली ले जाया जाता तो भी यह रास्ता महज 32 किलोमीटर ही होता।
गायत्री को अगर घुनघुटी से शहडोल भी ले जाते तब भी यह रास्ता सिर्फ 32 किलोमीटर लंबा ही होता। जबकि गायत्री को बड़ी तुम्मी से 12 किलोमीटर पहले घुनघुटी लाया गया और यहां से उसे 65 किलोमीटर से ज्यादा दूर मानपुर ले जाया गया।
यह जानकारी सामने आ रही है कि गायत्री को पिछले कुछ दिनों से बुखार आ रहा था। बुखार के दौरान उसके स्वजानों ने उसका उपचार गांव में ही सक्रिय किसी झाेलाछाप से करवाया था। झोलछाप की दवाओं के कारण गायत्री के पेट में दर्द उठने लगा और समय से पहले ही प्रसव की स्थिति उत्पन्न हो गई।
मानपुर बीएमओ डॉक्टर निशांत सिंह परिहार का भी यही कहना है कि गायत्री के गर्भ को अभी सिर्फ 31 सप्ताह ही हुए थे, यानी आठ महीने भी पूरे नहीं हुए थे। इस मामले में यह आशंका भी है कि जिस झोलाछाप ने गायत्री का उपचार किया था उसी ने उनके स्वजनों को उसे मानपुर ले जाने पर जोर भी दिया था।