नईदुनिया प्रतिनिधि, विदिशा। नकली खरपतवारनाशक (हर्बीसाइट्स) के कारण कई किसानों की फसल बर्बाद होने की जानकारी पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के एक गांव में रविवार को खेतों में जाकर स्थिति देखी। छीरखेड़ा गांव में किसान भगवान सिंह लोधी के खेत में सोयाबीन की जली फसल देखकर वह नाराज हुए।
किसान ने उन्हें बताया कि 15 बीघा जमीन में सोयाबीन बोया था। नौ जुलाई को पांच हजार रुपये की खरपतवारनाशक दवा का छिड़काव किया था। दो दिन के भीतर ही फसल झुलस गई। ऐसा और भी किसानों के साथ हुआ है। इस पर केंद्रीय कृषि मंत्री ने ऐसी खरपतवारनाशक विक्रय करने वाली कंपनियों से किसानों को क्षतिपूर्ति का मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया। देशभर में इसके लिए अभियान चलाया जाएगा।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नकली दवा व खाद बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, एक उच्चस्तरीय वैज्ञानिकों का दल भेजकर खेतों की जांच कराई जाएगी। शिवराज ने कहा कि किसान की फसल उसका जीवन है, इसलिए किसान को राहत मिले, इसकी व्यवस्था करेंगे।
विदिशा के जिला किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उप संचालक केएस खपेड़िया को भी केंद्रीय कृषि मंत्री ने तलब किया। उप संचालक ने बताया कि दिल्ली की कीटनाशक दवा निर्माता कंपनी एचपीएम द्वारा बनाई गई दवा बायोक्लोर निदानाशक दवा बैच नंबर केई-4 के छिड़काव से फसलों की क्षति हुई हैं।
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इस बारे में 43 शिकायतें मिली थीं, कलेक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों के परिपालन में जांच-पड़ताल भी की गई और दवा निर्माता कंपनी के खिलाफ एफआईआर कराई गई है। इस पर कृषि मंत्री शिवराज ने कहा कि जिन कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, उन पर क्या कार्रवाई हुई, इसकी भी वे निगरानी करेंगे।