बरेठ(नवदुनिया न्यूज)। ग्राम बरेठ के मर्दाखेड़ी रेलवे ओवर ब्रिज के पास बने रेलवे गेट क्रमांक 293 पर मंगलवार की सुबह ग्रामीणों को करीब दस गाय मृत अवस्था में रेलवे ट्रेक पर दिखाई दीं। एक साथ दस गाय की मौत किसी अज्ञात ट्रेन से हो जाने की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण और बजरंगदल के कार्यकर्ता मौकेपर जमा हो गए। इस दौरन बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने देखा कि एक बछड़ा तड़प रहा है जिसे कार्यकर्ताओं ने लोडिंग वाहन से उपचार के लिए गंजबासौदा भेजा लेकिन रास्ते में ही घायल बछड़े की मौत हो गई। क्षेत्र में एक साथ दस गाय की मौत से ग्रामीणों और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं में काफी आक्रोष है। सभी की मांग है कि क्षेत्र में गोशाला काफी समय पहले ही बनकर तैयार हो गई है, लेकिन उसका संचालन अभी तक शुरु नहीं हो सका। सभी की मांग है कि जल्द से जल्द गोशाला का संचाल शुरु कराया जाए जिससे की सड़क पर बैठने वाले मवेशियों की सुरक्षा हो सके।
मंगलवार की सुबह ग्राम मर्दाखेड़ी रेलवे फाटक पर एक साथ 10 गायों की मौत की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण और बजरंगदल के कार्यकर्ता मौकेपर पहुंच गए थे। ग्रामीणों ने देखा कि उनमें से सिर्फ एक गाय का बछड़ा तड़प रहा था, जिसे बजरंग दल के कार्यकर्ता श्याम रघुवंशी और ग्राम मर्दाखेड़ी के निवासियों द्वारा लोडिंग से गंज बासौदा ले जाया जा रहा था लेकिन बंजारी माता के पास ही उस बछड़े ने भी दम तोड़ दिया था। एक साथ लगभग 10 गाय कट जाने से ग्रामीणों में बहुत रोष है। ग्रामीणों का कहना है कि रेलवे ब्रिज के सामने गोशाला बनी हुई है उसके बाद भी रोजना बड़ी संख्या में मवेशी ओवर ब्रिज पर बैठे रहते हैं, या रेलवे लाइन पर बैठे मिलते हैं। ग्रामीणों ने कई बार जनप्रतिनिधियों से गोशाला को शुरु करने की मांग की लेकिन इस पर कभी तक कोई ध्यान नहीं दिया न हीं अभी तक ग्राम पंचायत बरेठ की गोशाला का संचालन शुरू हो पाया है।
एसडीएम ने कहा जल्द से जल्द गोशाला शुरु करवाऐंगे
इस संबंध में गजेंद्र शर्मा ने गंजबासौदा एसडीएम रोशन राय से फोन पर चर्चा की। इस पर एसडीएम का कहना था कि जल्द ही जनपद सीईओ से चर्चा करके गोशाला का संचालन कराएंगे। वहीं ग्राम बरेठ सरपंच देवेंद्र पाठक ने बताया कि पीएचई विभाग से चर्चा हो गई है जल्द ही पानी की व्यवस्था होते ही गोशाला का संचालन शुरू किया जाएगा। जिससे गायों का रखरखाव के साथ भी उचित इलाज भी गोशाला में मिल सके। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि दो गोशाला होने के बाद भी इस तरह से गाय मर रही हैं। श्याम रघुवंशी, महाराज सिंह कुशवाह, सत्येंद्र रघुवंशी, आकाश रैकवार, दीपक परमाल आदि ने गायों को उठाया और एक बछड़े को बचाने का प्रयास भी किया।