5th-8th Exam: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। पांचवीं और आठवीं कक्षा की बोर्ड पैटर्न से परीक्षा बीते साल करवाई गई थी, जिसमें परीक्षा-मूल्यांकन और रिजल्ट से जुड़े कार्यों का भुगतान अब तक नहीं हो सका। केंद्र अध्यक्षों को परीक्षा गतिविधियां संचालन करने का पैसा नहीं मिला है, अब कापियां जांचने वाले मूल्यांकनकर्ता परेशान हो रहे हैं। इनका मानदेय सालभर से रुका हुआ है। शिक्षकों ने भुगतान के लिए अधिकारियों से गुहार लगाई है।
शिक्षकों को प्रति उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन के लिए एक रुपये 75 पैसे देना तय हुआ था। सत्र 2021-2022 में पांचवीं में 14370 और आठवीं में 14516 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए। पांचवीं में चार और आठवीं में छह विषय थे। मूल्यांकन केंद्र ने शिक्षकों से कापियां जंचवाईं। 2200 शिक्षकों ने मूल्यांकन कार्य किया। पांचवीं की कापियां जांचने का मानदेय लगभग एक लाख रुपये बना, जबकि आठवीं की कापियां जांचने में मूल्यांकनकर्ताओं को एक लाख 52 हजार रुपये दिए जाने थे।
खातों तक नहीं पहुंची राशि
यह पैसा जिला शिक्षा केंद्र को जारी करना था। भुगतान जनशिक्षा केंद्र के माध्यम से होना था। राशि राज्य शिक्षा केंद्र मुख्यालय से जिला शिक्षा केंद्रों को आवंटित की गई, लेकिन शिक्षकों के खातों तक नहीं पहुंच सकी। राज्य आदर्श शिक्षक मंच के अध्यक्ष भगवती प्रसाद पंडित का कहना है कि सालभर से मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों को मानदेय नहीं मिला है। जबकि उनके खातों की जानकारी काफी पहले भेजी जा चुकी है।
Posted By: Hemraj Yadav
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