भारत में जिस रफ्तार से डिजाइनर्स, बुटिक्स, आउटलेट्स, डिजाइन स्कूल्स, फैशन शोज और सबसे बड़ी बात, फैशन पसंद ग्राहकों की संख्या बढ़ रही है, उससे इसका बाजार भी तेजी से विकसित हो रहा है। ऐसे में यहां क्रिएटिव युवाओं के लिए संभावनाएं भी लगातार बढ़ रही हैं। फैशन डिजाइनिंग के कोर्स के बाद आकर्षक करियर बनाने की अनंत संभावनाएं हैं।
लक्मे इंडिया फैशन वीक हो या न्यूयॉर्क और पेरिस जैसे आयोजन, जब रैम्प पर आकर्षक परिधानों में कैटवॉक करते मॉडल उतरते हैं, तो तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत होता है। कैमरों के फ्लैश चमक उठते हैं।
कमोबेश ऐसा नजारा महानगरों सहित हर बड़े शहर में कुछ माह के अंतराल पर देखने को मिल जाता है। फैशन शोज की लोकप्रियता दिनो-दिन बढ़ रही है, जहां मनीष मल्होत्रा, रोहित बल, सत्य पॉल, रितु कुमार, रितु बेरी,
सब्यसाची या तरुण तहिलियानी जैसे चर्चित फैशन डिजाइनरों के अलावा नए उभरते हए डिजाइनरों को भी अपने परिधान पेश करने का अवसर मिलता है। फैशन डिजाइनर अपने इनोवेटिव गारमेंट्स के जरिए फैशन के नए-नए
ट्रैंड्स भी सेट करते हैं।
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इसी वजह से सिर्फ शादी-ब्याह में ही नहीं, बल्कि आम दिनों में भी इनके डिजाइन किए गए परिधानों की मांग देखी जा रही है।
बढ़ रहा स्कोप
भारतीय फैशन उद्योग में आया बूम भले ही अपने शुरुआती दौर में है लेकिन यहां के फैशन वीक दुनिया भर का ध्यान अपनी ओर खींचने लगे हैं। एसोचैम की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में डिजाइनर कपड़ों का बाजार वर्तमान में लगभग 1,62,900 करोड़ रुपए है। बहरहाल, अभी यह हिस्सेदारी विश्व बाजार में महज 0.2 प्रतिशत है मगर इस क्षेत्र में विस्तार की पूरी गुंजाइश बनी हुई है। अंबानी, मित्तल, बिड़ला व टाटा जैसे बड़े बिजनेस ग्रुप रिटेल सेक्टर में आ चुके हैं। स्नैपडील, फ्लिपकार्ट, मिंत्रा, अमेजन जैसी ई-शॉपिंग कंपनियों का बाजार भी लगातार बढ़ रहा है। बाजार के इस विस्तार की एक बड़ी वजह भारतीयों में फैशन के प्रति बढ़ती दिलचस्पी भी है।
जॉब के अवसर
फैशन डिजाइनिंग कोर्स पूरा करने के बाद आप अपनी रुचि के अनुसार लाइफस्टाइल एक्सेसरी, कपड़ों के निर्माण और डिजाइन के क्षेत्र में करियर शुरू कर सकते हैं। ऐसे प्रोफेशनल किसी भी एक्सपोर्ट हाउस, गारमेंट स्टोर चेन, टेक्सटाइल मिल, ज्वेलरी हाउस या बुटिक में फैशन डिजाइनर, फैशन को-ऑर्डिनेटर, पैटर्न मेकर, क्वॉलिटी कंट्रोलर, फैशन मर्चेंडाइजर, फैशन स्टाइलिस्ट, एक्सेसरी डिजाइनर और फैशन कोरियोग्राफर के रूप में अपनी सेवाएं देते हैं। आप एंटरप्रेन्योर बनकर खुद का बिजनेस भी शुरू कर सकते हैं।
सैलरी:
फैशन डिजाइनिंग कोर्स करने के बाद किसी भी परिधान कंपनी में ऐसे प्रोफेशनल को 4 से 7 लाख रुपए का सालाना पैकेज आसानी से मिल जाता है।
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एक्सपर्ट राय
देश में फैशन इंडस्ट्री आगे अभी और बढ़ेगी क्योंकि रोटी, कपड़ा और मकान सभी को चाहिए। मगर कपड़ा आजकल लोगों के लिए खाने से भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है। शादी- ब्याह में क्या पहनना है, इस पर लोग सबसे पहले सोचना शुरू कर देते हैं। दूसरे, लोगों की आय और फैशन के प्रति उनकी जागरूकता भी बढ़ी है। इसीलिए फैशन आज सिर्फ जरूरत ही नहीं, एक बेहतर करियर भी है। स्कोप भी यहां बहुत है। फैशन डिजाइनिंग कोर्स कर लेने के बाद युवाओं के लिए एक्सपोर्ट हाउस, डिजाइन हाउस या मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट में जॉब के ढेरों
विकल्प उपलब्ध हैं। सभी अंतरराष्ट्रीय ब्रांड भी आजकल भारत के हिसाब से अपने परिधानों की डिजाइन के लिए भारतीय डिजाइनर को ही ज्यादा तरजीह दे रही हैं। इसके अलावा, आप चाहें तो फिल्मों में कॉस्ट्यूम डिजाइनर या आर्ट डिजाइनर भी बन सकते हैं। खुद का बुटिक या डेस्टिनेशन वेडिंग का काम भी शुरू कर सकते हैं।
- विजय कुमार दुआ
(एसोसिएट प्रोफेसर, एनआईएफटी, दिल्ली)
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, दिल्ली/ मुंबई/ बैंगलुरू
- सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, पुणे
- पर्ल एकेडमी, दिल्ली