
टी.सूर्याराव, भिलाई। पॉलिटेक्निक कॉलेज दुर्ग के चार छात्रों ने ऐसी पोर्टेबल डिवाइस बनाई है, जो एलपीजी सिलिंडर के लीकेज से होने वाली दुर्घटनाओं को रोक सकती है। डिवाइस सिलिंडर से गैस रिसाव पर तत्काल प्रतिक्रिया देगी। सिलिंडर के रेगुलेटर को बंद कर देगी।
इसके साथ ही अलार्म बजने लगेगा, रसोईघर में लगा एग्जास्ट फैन शुरू हो जाएगा और गैस कमरे से बाहर निकल जाएगी। डिवाइस इंस्टाग्राम के अलावा मोबाइल पर मैसेज भी भेजेगी। इसे बनाने में मात्र पांच सौ रुपये खर्च होंगे।
इस डिवाइस को अभी मॉडल के तौर पर बनाया गया है। इस दौरान डिवाइस बिजली से जुड़ी रहेगी। छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा इन छात्रों को बाजार देने के लिए व्यवस्था की जा रही है। इसमें छात्र अपना उत्पाद बनाएंगे और बाजार में बेच सकेंगे।
बता दें कि प्रतिवर्ष देशभर में औसतन एक हजार दुर्घटनाएं एलपीजी गैस लीकेज के कारण हो रही हैं। पिछले पांच वर्षों में 5,122 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इसमें अनेक लोगों की मौत भी हो चुकी है। इसलिए यह डिवाइस कारगर होगा।
संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा इस तरह के नवाचार को बाजार देने के लिए सीएसवीटीयू में उद्यमिता केंद्र बनाया गया है। इसके माध्यम से उत्पाद को बाजार में बेचने और रोजगार उपलब्ध कराने के लिए 11 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
राज्य सरकार की ओर से छह करोड़ रुपये दिए जाएंगे। वहीं, सीएसवीटीयू की तरफ से एक करोड़ चार लाख रुपये की सहभागिता दी जाएगी। कुल 18 करोड़ चार लाख रुपये से इनोवेशन को मदद करेंगे।
डिवाइस बनाने वाली टीम के दीपेश गुप्ता, लोमेश पटेल, शैल राजपूत, योगेश पटेल ने बताया कि गैस लीकेज से जानमाल की क्षति को रोकने के लिए यह डिवाइस बनाई गई है। सेंसर गैस रिसाव का पता लगाएगा। उसके बाद आटोमेशन के जरिये अन्य प्रणालियां सक्रिय हो जाएंगी।
सवाल: उद्यमिता केंद्र में इसको बनाने के बाद बाजार में कैसे बेचेंगे?
जवाब: कुलपति डॉ.एमके वर्मा ने बताया कि इसके लिए यहां पर एक टीम बनाई गई है, जो इसके प्रोडक्शन से लेकर बाजार में ले जाने तक का कार्य करेगी।
सवाल: नवाचार के लिए दी गई राशि की वसूली कैसे होगी?
जवाब: प्रोडक्ट बनाने के बाद हम बाजार उपलब्ध कराएंगे। आय का शेयर हमारे पास रखेंगे। इसी राशि से अन्य नवाचारी बच्चों का सहयोग किया जाएगा।