सौरभ सोनी, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश में भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पुलिस आरक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े की जांच अभी पूरी भी नहीं हुई थी कि अब वनरक्षक भर्ती परीक्षा 2023 में भी गड़बड़ी की आशंका गहरा गई है। कर्मचारी चयन मंडल (MP ESB) ने 112 पदों पर चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेजों को पुनः जांच के लिए रोक दिया है।
मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल द्वारा वर्ष 2023 में वनरक्षक पदों के लिए कुल 1670 रिक्तियों पर आवेदन आमंत्रित किए गए थे। परीक्षा प्रक्रिया के बाद 1340 अभ्यर्थियों की चयन सूची जारी की गई। लेकिन अब, इसमें से 112 पदों पर चयनित अभ्यर्थियों के शैक्षणिक दस्तावेजों, आवेदन, उत्तरपुस्तिका व अन्य पहलुओं की जांच एक उच्च स्तरीय समिति द्वारा की जा रही है। ईएसबी को संदेह है कि कहीं पुलिस आरक्षक भर्ती की तरह वनरक्षक भर्ती में भी साल्वर या दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा तो नहीं हुआ।
बता दें कि पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2023 में कुल 7411 पदों के लिए परीक्षा हुई थी, जिसमें से 6423 अभ्यर्थी चयनित हुए। इस भर्ती में 33 से ज्यादा साल्वर कैंडिडेट पकड़े गए जिन्होंने दूसरों को परीक्षा दिलवाई। ये साल्वर आधार कार्ड में फोटो व बायोमैट्रिक अपडेट कर परीक्षा में शामिल हुए और बाद में फिजिकल टेस्ट से पहले फिर से आधार अपडेट कर असली कैंडिडेट बन गए। ऐसे मामले 9 जिलों में सामने आए। अब इसी आधार पर वनरक्षक भर्ती की भी गहन जांच शुरू कर दी गई है।
वनरक्षक भर्ती के 218 पदों को ओबीसी आरक्षण विवाद के चलते कोर्ट में विचाराधीन रखने की वजह से 87:13 फार्मूले के तहत रोका गया है। इसके अलावा जहां फर्जीवाड़े या दस्तावेजों में गड़बड़ी की आशंका है, वहां पुनः परीक्षण किया जा रहा है। साकेत मालवीय, संचालक, कर्मचारी चयन मंडल ने कहा, “जहां भी संदेह की स्थिति होती है, वहां चयन परिणाम रोका जाता है। जांच के बाद परिणाम जारी किया जा सकता है।”
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