कहीं आप छींक को रोकते तो नहीं, खतरनाक हो सकती है ये आदत
छींक आना एक नैचुरल प्रोसेस है और अगर आपको छींक आती है तो समझ जाइए कि आप स्वस्थ हैं।
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Publish Date: Tue, 16 Jan 2018 03:37:12 PM (IST)
Updated Date: Wed, 17 Jan 2018 09:18:24 AM (IST)

नई दिल्ली। कई लोगों की एक बात आपने नोटिस की होगी कि वे छींक आने पर उन्हें दबा लेते हैं। उन लोगों को सार्वजनिक रूप से छींकना सही नहीं लगता है। उन्हें लगता है कि उनकी छींक से आस-पास के लोगों के सामने क्या इम्प्रेशन पड़ेगा। मीटिंग में हो या किसी भरी सभा में, छींक को रोकना या दबाना खतरनाक हो सकता है।
यह तो आप जानते होंगे कि छींक आना एक नैचुरल प्रोसेस है और अगर आपको छींक आती है तो समझ जाइए कि आप स्वस्थ हैं। लेकिन अगर इसे दबाएंगे तो भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
वास्तव में जब कोई बाहरी तत्व हमारे शरीर में प्रवेश कर रहा होता है तो हमें छींक आ जाती है और वो संक्रामक चीज बाहर ही रह जाती है।
- छींक के कारण नाक से 160 किमी/घंटा की गति से हवा निकलती है। छींक को रोकते हैं तो यह दबाव शरीर के अन्य अंगों की ओर चला जाता है जिसके कारण ईयरड्रम फट सकता है और आपको सुनाई देना बंद हो सकता है।
- छींक शरीर में प्रवेश करने वाले कई हानिकारक बैक्टीरिया को रोकने का काम भी करती है। यदि आप अपनी छींक रोकते हैं तो ये रोगाणु शरीर के अंदर ही रह जाते हैं और बीमारी का कारण बनते हैं।
- कई बार छींक रोकने की वजह से आंखों की रक्त वाहिकाएं प्रभावित हो जाती हैं। इसके अलावा गर्दन में भी मोच आ सकती है।
- कुछ दुर्लभ मामलों में दिल का दौरा आने की भी आशंका रहती ही है।
- छींक रोकने का प्रभाव ज्यादा हो तो दिमाग की नसों पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है।