डिजिटल डेस्क, इंदौर। वॉक करना एक बेहतरीन वर्कआउट है। आजकल वॉकिंग करने के भी कई प्रकार प्रचलन में आ गए हैं। वॉक करने के कई तरीकों में से एक प्रचलित टाइप है 6-6-6 वॉकिंग। इसमें 6 अंक को वॉकिंग रूटीन में शामिल किया जाता है।
इसका मतलब ये हुआ कि सुबह या शाम 6 बजे 60 मिनट तक वॉक करें। 6 मिनट का वॉर्म अप सेशन रखें और 6 मिनट का कूल डाउन सेशन रखें। इससे शरीर को कई रूप में फायदे मिलते हैं। मांसपेशियों को मजबूती मिलती है, हार्ट हेल्थ बेहतर होती है, लंग्स मजबूत होते हैं और मोटापा भी दूर होता है।
6 बजे 60 मिनट की वॉक- सुबह 6 बजे मॉर्निंग वॉक से शुरुआत करें। सुबह ग्लाइकोजेन स्टोर कम होते हैं, जिससे फैट बर्न होने में मदद मिलती है। इससे वेट मैनेजमेंट आसान हो जाता है।
शाम 6 बजे भी वॉक कर सकते हैं। इस दौरान वॉक करने से कोर्टिसोल की मात्रा कम होती है, जिससे स्ट्रेस लेवल कम होता है। इससे स्लीप क्वालिटी भी बेहतर होती है। हार्ट फाउंडेशन की एक शोध के अनुसार, 30 मिनट वॉक करने से 35% तक हार्ट के खतरे को कम किया जा सकता है।
सुबह 6 बजे उठ कर वॉक करने के और भी कई फायदे होते हैं। ये मेटाबॉलिज्म बूस्ट करता है, सर्कुलेशन में सुधार लाता है, दिन भर के लिए एक्टिव रूटीन सेट करता है और दिन भर शरीर को सक्रिय रखता है।
6 मिनट तक वॉर्म अप करें। हल्की स्ट्रेचिंग, हाथों को रोटेट करना, नेक स्ट्रेच जैसी वॉर्म अप एक्सरसाइज करें। वॉक करने के बाद मांसपेशियों को रिकवर करने के लिए और शरीर को कूल डाउन करना जरूरी है।
हाई इंटेंसिटी वर्कआउट या वॉक के बाद रेस्टिंग स्टेज पर जाने के लिए, हार्ट रेट को संतुलित करने के लिए मांसपेशियों को राहत देना जरूरी है। इससे ब्लड फ्लो में सुधार होता है, फ्लेक्सिबिलिटी बेहतर होती है और मांसपेशियों में तनाव कम होता है।