अगर टूट गया है आपका भी दांत तो फेंकें नहीं, फिर जुड़ जाएगा
अगर आपका भी दांत टूट गया है तो महज 200 रुपए में वो फिर जुड़ सकता है।
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Publish Date: Mon, 15 Oct 2018 08:52:55 AM (IST)
Updated Date: Mon, 15 Oct 2018 10:30:25 AM (IST)

शिमला। सड़क हादसे या लड़ाई झगड़े में दांत टूटना आम बात है। अधिकतर लोग टूटे हुए दांत को बेकार समझकर फेंक देते हैं। लेकिन अब ऐसा न करें। टूटा हुआ दांत बड़े काम का है। दांत को फेंकें नहीं, उसे लेकर एक घंटे से पहले अस्पताल पहुंच जाएं। आपको नकली दांत नहीं लगवाना पड़ेगा। स्पलिंटिंग तकनीक से टूटे दांत वापस जोड़े जा सकते हैं।
राजकीय दंत महाविद्यालय शिमला सहित प्रदेश के अन्य बड़े सरकारी अस्पतालों में इस तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। इससे लोगों को नकली दांत लगाने से भी छुटकारा मिलेगा। टूटे दांत को वापस उसी स्थान पर लगाने के दंत महाविद्यालय शिमला में हर माह तीन से चार मामले आ रहे हैं। हालांकि दांत हर महीने कई लोगों के टूटते हैं।
लेकिन इतने कम मामले अस्पताल में आने का कारण यह है कि 90 फीसदी से अधिक लोगों को पता ही नहीं है कि टूटा हुआ दांत उसी जगह दोबारा वैसे का वैसा लगाया जा सकता है। ऐसे दांत की जगह नकली दांत लगाने की जरूरत नहीं होती है। स्पलिंटिंग तकनीक से किसी भी उम्र के व्यक्ति का टूटा दांत दोबारा जुड़ सकता है।
क्या है स्पलिंटिंग तकनीक
जैसे ही दांत टूटे, उसे तुरंत दूध में डालकर अस्पताल ले आएं। यदि दूध उपलब्ध न हो तो दांत को मुंह में रखकर लाया जा सकता है। दांत जहां से निकला हो, वहां खून जमा होता है। स्पलिंटिंग तकनीक में उस खून को साफ कर वहां तार से दांत को अस्थायी तौर पर जोड़ा जाता है। एक महीने बाद दांत पूरी तरह जुड़ जाता है। स्पलिंटिंग तकनीक में दो से तीन बार डॉक्टर से उपचार करवाना पड़ता है। इसका खर्च सरकारी अस्पताल में मात्र 200 रुपए आता है।
बेहतर जुड़ते हैं बच्चों के दांत
स्पलिंटिंग तकनीक से हर उम्र के लोगों के दांत जोड़े जा रहे हैं। हालांकि, बच्चों के दांत बेहतर जुड़ते हैं।-डॉ. चिंरजीवी जयाम, सहायक प्रोफेसर, प्रिवेंटिव डेंटिस्ट्री, दंत महाविद्यालय शिमला