History of Gajak: मुरैना की गजक के चाहने वाले देश ही नहीं विदेश में भी है। अब इसके स्वाद की धाक दुनिया में और बढ़ेगी। केंद्र सरकार ने मुरैना की गजक को जियोग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई टैग) दे दिया है। गौरतलब है कि गजक सर्दियों के दिनों में सबसे ज्यादा खाई जाने वाली मिठाई है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। गजक का अनुमानित बिजनेस 200 करोड़ रुपये से ज्यादा का है। मुरैना की गजक अमेरिका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, दुबई आदि कई देशों में भेजी जाती है। आइए जानते हैं चंबल की घाटी से क्या है गजक का नाता।
गजक मध्य प्रदेश के मुरैना जिले की एक पारंपरिक मिठाई है। यह मुख्य रूप से तिल और गुड़ से बनाया जाता है। मुरैना गजक का इतिहास 17वीं शताब्दी में देखा जा सकता है, जब मुगल सम्राट औरंगजेब सत्ता में था। ऐसा माना जाता है कि इस समय के दौरान गजक सबसे पहले मुरैना शहर में बनाया गया था। मुख्य रूप से शाही परिवार और उनके मेहमानों के लिए बनाया गया था। समय के साथ, मुरैना गजक की लोकप्रियता शाही दरबार से बाहर और आसपास के क्षेत्रों में फैल गई। यह सर्दियों के महीनों के दौरान एक प्रधान बन गया, क्योंकि माना जाता है कि ठंड के मौसम में तिल शरीर को गर्म रखने में मदद करते हैं।
मुरैना के लोग मानते हैं कि गजक का अविष्कार सीताराम शिवहरे ने किया था। 1946 में चंबल के पानी ने मुरैना में गजक को जन्म दिया। जब डकैतों के कारण लोग चंबल के लोगों से डरते थे। उस समय शिवहरे इस इलाके को नई पहचान दिलाने में लगे हुए थे। वे तिल और गुड़ से बनने वाली मिठाई को चंबल के पानी की सहायता से गजक में ढाल रहे थे। उन दिनों गजक की दुकाने नहीं हुआ करती थीं। इनके आइडिया के बाद हलवाईयों ने तिल और गुड़ की पट्टियां बेचना शुरू कर दिया। इस तरह गजक का जन्म हुआ।
आज, मुरैना का गजक भारत भर में एक प्रसिद्ध और प्रिय मिठाई है। दुनिया भर के विभिन्न देशों में निर्यात की जाती है। इसे अभी भी पारंपरिक तरीकों का उपयोग करके बनाया जाता है। जिसमें तिल और गुड़ को धीमी आंच पर तब तक पकाया जाता है। जब तक कि वे एक गाढ़े पेस्ट में न मिल जाएं, जिसे बाद में ठंडा करके टुकड़ों में काट लिया जाता है। मुरैना गजक का उत्पादन क्षेत्र के कई लोगों के लिए आजीविका का एक स्रोत भी बन गया है, जिसमें कई छोटे उत्पादक स्थानीय बाजारों और उससे आगे मिठाई बनाते और बेचते हैं। यह मुरैना की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। सभी उम्र और पृष्ठभूमि के लोगों द्वारा इसका आनंद लेना जारी है।