मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने मराठाओं की लंबे समय से चली आ रही आरक्षण की मांग को अमलीजामा पहना दिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने गुरुवार को विधानसभा में मराठाओं को शिक्षा और रोजगार में 16 प्रतिशत आरक्षण देने वाला प्रस्ताव पेश किया।
इस प्रस्ताव को कुछ देर बाद ही सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी गई और इसके बाद इसे अपर हाउस में भेज दिया गया है। अपर हाउस में इसे मंजरी मिलने के बाद जल्द राज्य में मराठाओं को आरक्षण मिल जाएगा।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने 1 दिसंबर को मराठा आरक्षण लागू करने का संकेत दिया था। ऐसे में शिवसेना और बीजेपी ने व्हिप जारी कर सभी सदस्यों को सदन में हाजिर होने के लिए कहा गया है। बताते चलें कि विधानसभा का 19 नवंबर को मुंबई में शुरू हुआ शीतकालीन सत्र 30 नवंबर को समाप्त होगा।
16 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान
विधेयक में मराठा समाज के लिए शिक्षा और नौकरियों में 16 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। अब तक विपक्ष ने पिछड़ा आयोग की रिपोर्ट सदन में पेश करने की मांग करते हुए काफी हंगामा किया, लेकिन सरकार इसके लिए तैयार नहीं हुई।
Maharashtra government proposes 16% reservation for Maratha community in jobs and education pic.twitter.com/dCA5fvSWQI
— ANI (@ANI) November 29, 2018
गौरतलब है कि मराठा कोटा पर राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (एसबीसीसी) की रिपोर्ट को सदन में पेश करने की मांग को लेकर मंगलवार को भी जमकर हंगामा हुआ था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने विपक्षी दलों पर मराठा कोटा पर त्वरित कार्रवाई में बाधा डालने का आरोप लगाया था।
इससे पहले 15 नवंबर को महाराष्ट्र पिछड़ा वर्ग आयोग ने मराठों को 16 फीसद आरक्षण देने की सिफारिश करते हुए अपनी रिपोर्ट भी सरकार को सौंप दी थी। इसमें कहा गया था कि महाराष्ट्र में 30 फीसदी आबादी मराठों की है, इसलिए उन्हें सरकारी नौकरी में आरक्षण दिए जाने की जरूरत है।