रंजन दवे, जोधपुर। अपनी माँ के व्यवहार से आहत एक बेटे ने राज्य मानवाधिकार आयोग को पत्र लिख कर मदद की गुहार लगाई है। राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस गोपाल कृष्ण व्यास को लिखे पत्र में 11 साल के अबोध ने गुहार लगाते हुए लिखा है कि माँ के दादा दादी से लगातार गाली गलौच करने से घर का सारा माहौल बिगाड़ रखा है, जिससे उसकी पढ़ाई भी खराब होती है। उसने मां के द्वारा खुद को भी लगातार प्रताड़ित करने की बात लिखी है। उसने आयोग अध्यक्ष से मां को ऐसी हरकतें नहीं करने के लिए पाबंद किये जाने व परेशान न किये जाने की विनती की है। मामला उदयपुर से जुड़ा है। इस प्रकरण के सामने आते ही आयोग ने गंभीरता दिखाई और आयोग अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश गोपालकृष्ण व्यास ने उदयपुर एसपी से मामले की जांच कर रिपोर्ट तलब की है।
जानकारी अनुसार उदयपुर के अरिहन्त नगर निवासी 11 वर्षीय पार्थ सारथी ने आयोग को भेजे पत्र में लिखा है कि वह अपने दादा चन्द्रसिंह व दादी डॉ . ज्योति चौधरी के साथ रहता है। उसकी मां मोनिका गुप्ता उनके साथ नहीं रहती। उसका लालन- पालन पिता व दादा-दादी ने मिलकर किया। उसकी मां लगातार उनके यहां आकर सभी को प्रताड़ित करती है। दादा - दादी के साथ गाली- गलौच करती है। दादी को डायन कहकर बुलाती है। पार्थ ने आगे लिखा कि मां ने घर का पूरा माहौल बिगाड़ रखा है। उसका भी जीना दुर्भर कर रखा है। मां के कारण उसकी पढ़ाई भी खराब हो रही है। ऐसे में उसकी मां को पाबंद किया जाए कि वह घर पर ना आए। साथ ही हमें प्रताड़ित करना बंद कर दे।
राज्य मानवाधिकार आयोग को भेजे पत्र में अपनी माँ की शिकायत के बाद आयोग के अध्यक्ष व्यास ने 11 वर्षीय मासूम की गुहार को गंभीरता से लिया है। उन्होंने बालक की शिकायत पर उदयपुर के एसपी राजीव पचार को पत्र भेजा है साथ ही मामले की पूरी जांच कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है । साथ ही आवश्यक कार्यवाही के लिए निर्देशित किया है।