नईदुनिया प्रतिनिधि। गुजरात के अहमदाबाद में हाल ही में हुए क्रू्र विमान हादसे (Flight AI‑171) ने न केवल आसमान को बल्कि कई परिवारों के सपनों को भी तहस‑नहस कर दिया। जानकारी के मुताबिक इस हादसे में 242 यात्रियों में से 241 की मौत हो चुकी है और केवल एक यात्री ही चमत्कारी रूप से बचा है। इन यात्रियों में से 8 परिवार अपने करीबियों को लंदन भेजना चाहते थे। ऐसा सपना जो अब कभी पूरा नहीं हो पाएगा। इस रिपोर्ट में हम इन 6 परिवारों का दर्दभरी कहानी शेयर कर रहे हैं। हादसे के बाद पीड़ित परिवारों ने अपने दर्द को बयां किया।
बता दें कि हादसे में 241 यात्रियों की मौत हो गई है, जबकि कई लोग गंभीर रूप से झुलस गए। हादसा इतना भयानक था कि विमान में तुरंत आग लग गई और पूरे इलाके में धुएं का गुबार छा गया। फ्लाइट ने दोपहर 1:38 बजे उड़ान भरी थी और 1:40 बजे हादसा हो गया। उस वक्त विमान 625 फीट की ऊंचाई पर था। आग इतनी तेज थी कि पास की इमारतें भी इसकी चपेट में आ गईं। मौके पर राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन कई शव इतने बुरी तरह झुलस चुके हैं कि उनकी पहचान कर पाना मुश्किल हो रहा है। आइए जानते हैं हादसे का शिकार हुए पीड़ित परिवारों की दर्दनाक कहानी।
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राजस्थान के बालोतरा की खुशबू राजपुरोहित ने हाल ही में शादी की थी। खुशबू लंदन में रह रहे अपने पति से मिलने के लिए जा रही थी। लेकिन ये मुलाकात हादसे की आग में बदल गई। परिवार ने बताया कि "इस वीडियो में हम उसे विदा कर रहे थे, हंसते‑खेलते उससे कह रहे थे 'जल्दी लौटना'... मगर वो लौटकर नहीं आई," पिता मदनसिंह राजपुरोहित।
इंदौर की हरप्रीत लंदन में सॉफ्टवेयर इंजीनियर पति रॉबिन के जन्मदिन की खुशियों के लिए जा रही थीं। उनकी आत्मा लंदन की राह में ही थम गई। बता दें कि रॉबिन एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। उनका 16 जून को बर्थडे है। लेकिन यह यात्रा अंतिम सफर में तब्दील हो गई। परिवार वालों ने कहा "बेटे का बर्थडे मनाने निकली थी बहू, लेकिन अब उसका शव लेने जा रहे हैं"।
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गुजरात के रहने वाली काजलबेन प्रदीपभाई सोलंकी की आठ दिन पहले ही गोद भराई हुई थी। काजलबेन की शादी तलाजा तालुका के देवली गांव में तय हुई थी। लेकिन हादसे ने उनकी खुशियां छीन ली। प्लेन क्रैश के एक दिन पहले वो अहमदाबाद आईं थी और अपने होने वाले पति न्यूरोलॉजिस्ट प्रदीपभाई सोलंकी और सूरत में एमडी की पढ़ाई कर रहे अपने भाई भाविन धीरूभाई सेंटा के साथ लंच किया। लंच के बाद प्रदीपभाई अपनी ड्यूटी पर चले गए। इस बीच पता चला की प्लेन हादसे में काजलबेन की मौत हो गई और भाई का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला।
प्लेन क्रैश के समय बांसवाड़ा के डॉक्टर दंपती डॉ. कोमी व्यास, डॉ. प्रतीक जोशी और उनके तीन बच्चे प्रद्युत, मिराया और नकुल भी बैठे थे। उदयपुर के पेसिफिक मेडिकल कॉलेज में कार्यरत डॉ. कौमी जोशी ने जॉब छोड़कर अपने पति के साथ लंदन शिफ्त होने की तैयारी की। लेकिन, इस विमान हादसे में पूरे परिवार की मौत हो गई। परिवार ने कहा- “हमें नहीं पता था कि ये वीडियो कॉल उनके आखिरी पल होंगे,” - मामा डॉ. हिमांशु द्विवेदी।
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राजस्थान के उदयपुर के मार्बल व्यापारी संजीव मोदी के बच्चे शुभ और शगुन मोदी लंदन घूमने जा रहे थे। भाई-बहन MBA करने के बाद पिता का बिजनेस संभाल रहे थे। विमान हादसे का पता चलते ही पिता अहमदाबाद के लिए रवाना हो गए। बता दें कि उदयपुर में सहेली नगर स्थित उनके घर पर जिला कलेक्टर नमित मेहता पहुंचे।
वल्लभनगर के वरदीचंद मेनारिया काम के सिलसिले में लंदन जा रहे थे। घर में पोती का जन्म होने वाला था, लेकिन काम की मजबूरी के चलते उन्हें रवाना होना पड़ा। बता दें, कि वरदीचंद पोते को देखने के लिए हादसे से ठीक 15 दिन पहले ही घर आए थे। प्लेन क्रैश के समय वो भी विमान ने मौजूद थे। बस कुछ क्षणों का सफर उनकी जिंदगी के आखिरी बन गया।