नई दिल्ली। संत निरंकारी मंडल के प्रमुख बाबा हरदेव सिंह की अमेरिका के न्यूयॉर्क से कनाडा के मॉन्ट्रियल शहर जाने के दौरान सड़क हादसे में मृत्यु हो गई। शुक्रवार सुबह पांच बजे बाबा अपने दोनों दामाद संदीप खिडा व अवनीत सेतिया के अलावा विवेक शर्मा के साथ कार से एक भक्त से मिलने जा रहे थे।
मॉन्ट्रियल से करीब 40 किमी पहले टायर फटने से उनकी कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई। अस्पताल में इलाज के दौरान निरंकारी बाबा का निधन हो गया। बाकी घायल खतरे से बाहर हैं। संत निरंकारी मिशन की 1929 में स्थापना हुई थी।
इस मिशन की 27 देशों में 100 शाखाएं चल रही हैं। भारत में भी करीब हर राज्यों में लाखों की संख्या में उनके अनुयायी हैं।संत निरंकारी मंडल के प्रवक्ता कृपा सागर ने बताया कि बाबा के पार्थिव शरीर को भारत लाने की तैयारी की जा रही है। अंतिम संस्कार दिल्ली में किया जाएगा।
बाबा हरदेव सिंह का जन्म 23 फरवरी, 1954 को दिल्ली में हुआ था।
उन्होंने दिल्ली के संत निरंकारी कॉलोनी में रोसरी स्कूल और फिर पटियाला के एक बोर्डिंग स्कूल में शिक्षा ग्रहण की।
1980 में पिता की मौत के बाद उन्हें निरंकारी मंडल का मुखिया बनाया गया था। इसके पूर्व वह 1971 में निरंकारी सेवा दल में शामिल हुए थे।
1975 में उन्होंने फर्रुखाबाद की सविंदर कौर से शादी की थी। शांति के लिए मिले कई पुरस्कार बाबा हरदेव सिंह को विश्व में मानवता की शांति के लिए कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। उन्हें संयुक्त राष्ट्र संघ भी सम्मानित कर चुका है।
निरंकारी मंडल की ओर से बुराड़ी स्थित मैदान में हर साल नवंबर में वार्षिक समागम का आयोजन किया जाता है। इसमें भारत समेत दुनिया भर के लाखों भक्त भाग लेते हैं। खबर सुनकर उनके अनुयायियों को गहरा सदमा लगा है।
निरंकारी कॉलोनी स्थित संत निरंकारी मंडल के मुख्यालय में बड़ी संख्या में अनुयायी पहुंच गए। कई महिला अनुयायियों की आंखों से आंसू नहीं रुक रहे थे। संत निरंकारी मिशन की ओर से यह अपील की गई थी कि कोई भी भक्त मुख्यालय पर नहीं पहुंचे।