सतनाम सिंह, जम्मू
कैंसर से जूझ रहे लोगों के लिए जंगली करेला और कंडी क्षेत्र का आंवला संजीवनी है। यह तथ्य हाल ही में हुए शोध में सामने आए हैं। करेला, आंवले के साथ पुदीना और कड़ी पत्ता भी कैंसर की रोकथाम के लिए लाभदायक है। यह कैंसर के सेल को सत्तर से नब्बे फीसद तक खत्म कर देता है। इसका इस्तेमाल अगर रोजमर्रा की जिंदगी में किया जाए तो कैंसर की संभावना समाप्त हो जाती है।
शेर-ए-कश्मीर कृषि, विज्ञान और तकनीक विश्वविद्यालय जम्मू के बायोटेक्नोलॉजीविभाग और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन ने संयुक्त रूप से शोध किया है। कृषि विवि में बायोटेक्नोलॉजी विभाग के डॉ. विकास शर्मा पांच वर्षो से शोध कर रहे हैं।
विकास ने बताया कि जंगली करेला सांबा जिला नड व साथ लगते क्षेत्र, कंडी आंवला सांबा के राया इलाके, पुदीना जम्मू के चट्ठा, कड़ी पत्ता सांबा व देसी हल्दी चट्ठा इलाके में पाए जाते हैं। हमने पांच वर्षो तक इन इलाकों में जाकर खोज की और फिर शुरू हुआ शोध का सिलसिला।
उन्होंने बताया कि इन चीजों को सुखा कर पाउडर बनाया गया और फिर इनका इस्तेमाल कैंसर के सेल पर किया। यह पाया गया कि 75 से लेकर 90 फीसद तक कैंसर के सेल खत्म हो गए। रोजमर्रा में इस्तेमाल करके हम कैंसर होने की संभावना को जड़ से खत्म कर सकते हैं।
डॉ. विकास शर्मा ने जम्मू-कश्मीर में कैंसर के बढ़ते मामलों का जिक्र करते हुए आंकड़ों की जानकारी दी। जम्मू कश्मीर में वर्ष 2011 में 10688, 2012 में 11052, 2013 में 11488, 2014 में 11815 कैंसर के मामले सामने आए।
इतना ही नहीं वर्ष 2011 में 4703, वर्ष 2012 में 4863, वर्ष 2013 में 5028 और वर्ष 2014 में 5198 लोगों की कैंसर से कीमती जाने गई। शोध में यह पाया गया कि जंगली करेला, कंडी क्षेत्र का आंवला कैंसर के रिस्क को नब्बे फीसद तक खत्म कर देता है। इसमें विभिन्न तरह के कैंसर शामिल है। इन कुदरती वस्तुओं के खाने का कोई साइड इफेक्ट नहीं है। यह सामान्य सेलों पर नुकसान नहीं करती।