
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और भाजपा पर गुरुवार को तीखा प्रहार किया।
उन्होंने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की चिंता केंद्र में बैठे हुक्मरानों पर करारा प्रहार है। आडवाणी भाजपा के मार्गदर्शक हैं, जो कह रहे हैं कि देश में फिर आपातकाल नहीं लगेगा, ऐसा नहीं कहा जा सकता।
गुरुवार को जदयू द्वारा आयोजित किसान सम्मेलन में "भूमि बचाओ आंदोलन" का बिगुल फूंकते हुए नीतीश ने कहा कि हम लोग तो आपातकाल जैसे हालात झेल रहे हैं। बिहार में भाजपा पूरी तरह नर्वस हो चुकी है। मिल-बैठ कर विधानसभा चुनाव के लिए एक नेता तक नहीं चुन सकती।
इससे पूर्व एसोचैम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के एक साल पूरा होने पर बार-बार कहा जा रहा था कि कोई स्कैम (घोटाला) नहीं हुआ। स्कैम तो सामने आ ही गया। अब रोज-रोज घोटाले सामने आएंगे।
ललित मोदी-सुषमा प्रकरण में प्रधानमंत्री का मौन रहना "मौनम् स्वीकृति लक्षणम्" का प्रतीक है। नीतीश का कहना है कि हम पर जंगलराज को लेकर तोहमत लगाने वाले उन लोगों की मदद कर रहे हैं, जो देश के कानून तोड़ने वाले हैं और आर्थिक अपराध में वांछित हैं।
भाजपा ने लगाया आचार संहिता उल्लंघन का आरोप
भाजपा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर विधान परिषद का चुनाव जीतने के लिए सरकारी धन और संसाधनों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नंदकिशोर यादव ने कहा कि राज्य सरकार अपने "बढ़ चला बिहार" अभियान के जरिये नगर निकायों और पंचायत प्रतिनिधियों को प्रभावित करने का प्रयास कर रही है।
यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष गुरुवार को भाजपा ने इस संबंध में अपनी शिकायत दर्ज करा दी है।