Bihar Election 2025: सीमांचल में औवेसी और प्रशांत किशोर ने मुकाबले को बनाया दिलचस्प, BJP को लगा बड़ा झटका
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सीमांचल की राजनीति गरमा गई है। भाजपा, कांग्रेस, जदयू, राजद के साथ एआईएमआईएम और जनसुराज भी मैदान में सक्रिय हैं। जनार्दन यादव के इस्तीफे और अजय झा की दावेदारी ने भाजपा को चुनौती दी है। अमित शाह, राहुल गांधी, तेजस्वी और ओवैसी के दौरे से माहौल गर्म है।
Publish Date: Wed, 01 Oct 2025 01:19:46 PM (IST)
Updated Date: Wed, 01 Oct 2025 01:19:46 PM (IST)
प्रशांत किशोर बिहार चुनाव को बहुकोणीय बना रहे हैं। (फाइल फोटो)HighLights
- अररिया जिले की छह विधानसभा सीटों पर दलों की पकड़।
- भाजपा नेताओं की हैट्रिक दावेदारी, भीतरघात की चुनौती।
- जनार्दन यादव का इस्तीफा, नरपतगंज से अजय झा दावेदार।
एजेंसी, पटना। अक्टूबर 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव की अधिसूचना अभी जारी नहीं हुई है, लेकिन सीमांचल और कोसी क्षेत्र में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। एनडीए और महागठबंधन के बड़े नेताओं के दौरे, कार्यकर्ता सम्मेलन के जरिए अपनी पकड़ मजबूत करने में जुट गए हैं।
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और जनसुराज के प्रशांत किशोर की सक्रियता ने मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया है।
हैट्रिक बनाने को बेकरार दावेदार
- अररिया जिले की छह विधानसभा सीटों में फिलहाल भाजपा के पास फारबिसगंज, सिकटी और नरपतगंज हैं, जबकि कांग्रेस के पास अररिया, जदयू के पास रानीगंज और राजद के पास जोकीहाट है। भाजपा के मौजूदा विधायक विजय मंडल (सिकटी) और विद्यासागर केसरी (फारबिसगंज) लगातार दो बार जीत चुके हैं।
इस बार हैट्रिक बनाने के लिए टिकट के प्रबल दावेदार हैं। इसी तरह कांग्रेस के आबिदुर्रहमान (अररिया) और जदयू के अचमित ऋषिदेव (रानीगंज) भी तीसरी बार जीत का सपना देख रहे हैं। हालांकि, इन्हें विरोधी गुटों की नाराजगी झेलनी पड़ रही है। चुनाव से पहले भाजपा को झटका
चुनाव से ठीक पहले भाजपा को बड़ा झटका लगा है। नरपतगंज के चार बार विधायक रह चुके जनार्दन यादव ने पार्टी छोड़ दी है। प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अजय कुमार झा ने इस बार अररिया की बजाय नरपतगंज से टिकट की दावेदारी की है। हाल ही में नरपतगंज में हुए कार्यकर्ता सम्मेलन में इसको लेकर हंगामा भी हुआ। अजय झा ने कहा कि उनका घर इसी क्षेत्र में है। उन्हें टिकट मिलना चाहिए।
बड़े नेताओं के दौरे से कार्यकर्ताओं में जोश
- 27 सितंबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के फारबिसगंज दौरे ने कार्यकर्ताओं में उत्साह भर दिया। शाह ने 10 जिलों के कार्यकर्ताओं से चुनावी रूपरेखा साझा की।
- इससे पहले महागठबंधन की ओर से राहुल गांधी और तेजस्वी यादव भी अररिया पहुंचे और वोटर अधिकार यात्रा के जरिए माहौल बनाने की कोशिश की। शाह के पहले के दौरे ने अररिया लोकसभा सीट भाजपा की झोली में डाल दी थी। ऐसे में उनके आने को रणनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है।
ओवैसी और प्रशांत किशोर की सक्रियता
- 25 सितंबर को असदुद्दीन ओवैसी ने सीमांचल न्याय यात्रा के दौरान अररिया में राजद और तेजस्वी यादव पर जमकर हमला बोला। उनके इस दौरे ने स्थानीय राजनीति का तापमान बढ़ा दिया।
- जनसुराज के प्रशांत किशोर भी लगातार सीमांचल का दौरा कर रहे हैं। वह अपनी जमीन तैयार कर रहे हैं। इसके अलावा पूर्व आईपीएस शिवदीप लांडे के हिंद सेना से अररिया विस से चुनाव लड़ने की चर्चा भी जोरों पर है।
दिलचस्प होगा मुकाबला
सीट शेयरिंग का फैसला अभी बाकी है, लेकिन हालात साफ संकेत देते हैं कि अररिया और सीमांचल की सीटों पर मुकाबला इस बार बेहद दिलचस्प होने वाला है। एनडीए, महागठबंधन, एआईएमआईएम और जनसुराज के बीच बहुकोणीय चुनावी जंग तय है, जहां जीत किसी के लिए भी आसान नहीं होगी।