
डिजिटल डेस्क। बिहार अब केवल पिछड़ेपन या गरीबी के लिए नहीं, बल्कि अपनी आर्थिक प्रगति के लिए भी पहचाना जाने लगा है। राज्य के कुछ जिले शिक्षा, उद्योग और कारोबार के दम पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
ताजा आर्थिक आंकड़े बताते हैं कि बिहार के 38 जिलों में से 5 जिले ऐसे हैं, जहां प्रति व्यक्ति आय सबसे अधिक है और ये अब पूरे राज्य के विकास की नई कहानी लिख रहे हैं।
राजधानी पटना राज्य की अर्थव्यवस्था का केंद्र है। 2022-23 में यहां प्रति व्यक्ति आय 1,21,396 रुपये दर्ज की गई, जो बिहार में सबसे अधिक है। बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं, प्रशासनिक ढांचा और उद्योगों की मौजूदगी ने पटना को सबसे समृद्ध जिला बना दिया है।
राज्य का दूसरा सबसे अमीर जिला बेगूसराय अब बिहार का 'औद्योगिक हब' बन चुका है। यहां प्रति व्यक्ति आय 49,064 रुपये है। हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसी कंपनियों की मौजूदगी और औद्योगिक विस्तार ने इस जिले की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है।
मुंगेर तीसरे स्थान पर है, जिसकी प्रति व्यक्ति आय 46,795 रुपये है। यह जिला न केवल ऐतिहासिक महत्व रखता है बल्कि हथियार निर्माण और छोटे उद्योगों के लिए भी प्रसिद्ध है। पर्यटन और व्यापार ने भी यहां के विकास में अहम भूमिका निभाई है।
भागलपुर, जिसे सिल्क सिटी कहा जाता है, चौथे स्थान पर है। यहां प्रति व्यक्ति आय 46,271 रुपये है। प्रसिद्ध भागलपुरी साड़ियों और तुस्सार सिल्क की मांग ने इस जिले को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया है। शिक्षा और व्यापार ने भी यहां के लोगों की आमदनी बढ़ाई है।
पांचवें स्थान पर है रोहतास, जिसकी प्रति व्यक्ति आय 34,881 रुपये है। यह जिला खनिज संपदा और खेती के लिए प्रसिद्ध है। यहां कृषि और खनन दोनों ने लोगों की आय और रोजगार के अवसरों को बढ़ाया है।