Car Insurance से जुड़े नियम 1 अगस्त से बदल गए हैं, इसके बाद कार खरीदते वक्त आपको बंडल्ड बीमा पॉलिसी नहीं लेनी पड़ेगी। इसके बाद नई कार खरीदने वालों की जेब पर पड़ने वाला बोझ भी कम हो गया है। इसका मतलब यह है कि आपको नई कार खरीदने के लिए कम कीमत चुकानी होगी। कार के साथ ही आपको बीमा पॉलिसी भी लेनी होती है और अब यह जरूरी नहीं की आप तीन या पांच साल की पॉलिसी लें। ऐसे में हम यह जानना भी जरूरी होता है कि आपके लिए कौन सी पॉलिसी सही है।
असल में किसी भी कार के लिए 4 तरह की बीमा पॉलिसी मिलती है। इन पॉलिसी में कार मालिक को तह-तरह के फायदे मिलते हैं। इनमें थर्ड पार्टी इंश्योरेंस, ऑन डैमेज बीमा भी शामिल है। जानिए इनके बारे में।
क्या है थर्ड पार्टी कवर
मोटर व्हीकल एक्ट के तहत सभी वाहन मालिकों को थर्ट पार्टी बीमा लेना जरूरी है। बीमा कराने वाला पहली पार्टी होता है, बीमा दूसरी और तीसरी पार्टी वह होती है जिसे बीमा कराने वाले की वजह से नुकसान होता है। यह पार्टी नुकसान के लिए दावा करती है और बीमा पॉलिसी उसके नुकसान को कवर करती है।
ओन डैमेज कवर
कॉम्प्रीहेंसिव पॉलिसी या ओन डैमेज (OD) में थर्ड पार्टी पॉलिसी के सभी कवर के अलावा बीमित वाहन को नुकसान से भी कवर मिलता है। इसके तहत आग, विस्फोट, आग लगने, बिजली गिरने, भूकंप, प्राकृतिक आपदाओं, ट्रांसपोर्टेशन के दौरान, चोरी, दंगों, हड़ताल में नुकसान शामिल हैं।
कॉम्प्रहैंसिव पॉलिसी
इसमें थर्ड पार्टी के साथ ही Own Damage Policy भी शामिल होती है। ऐसी पॉलिसी में व्यक्ति के साथ वाहन को होने वाले नुकसान की भी भरपाई बीमा कंपनी की तरफ से की जाती है। हालांकि, यह एक लॉन्ग टर्म पॉरिसी होती है जिसकी अनिवार्यता को IRDAI ने खत्म कर दिया है। अब आप चाहे तो ही यह पॉलिसी ले सकते हैं।
व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा
यह पॉलिसी कार चलाते हुए किसी दुर्घटना में हुई क्षति के लिए होती है। यह भी थर्ड पार्टी बीमे की तरह जरूरी होती है। इसमें चालक के अलावा कार में बैठे अन्य लोगों को भी शामिल किया जाता है।