डिजिटल डेस्क। भारत-चीन रिश्तों में सुधार की दिशा में एक अहम पहल सामने आई है। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार चीन ने भारत की तीन प्रमुख मांगों रेयर अर्थ्स, उर्वरक और टनल बोरिंग मशीनों को मान लिया है। सोमवार को भारत पहुंचे चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने यह भरोसा विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर को दिया है। दोनों ही देश वैश्विक परिस्थियों को ध्यान में रखते हुए अपने रिश्तों में सुधार चाहते हैं।
सोमवार को नई दिल्ली में हुई वार्ता के दौरान जयशंकर ने स्पष्ट किया कि बातचीत में आर्थिक और व्यापारिक मुद्दों के अलावा तीर्थयात्रा, लोगों के बीच संपर्क, नदी डेटा साझा करना, सीमा व्यापार, कनेक्टिविटी और द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी। जयशंकर ने जुलाई में अपनी चीन यात्रा के दौरान उठाई गई चिंताओं को दोहराया। उन्होंने कहा कि व्यापारिक अवरोध और प्रतिबंधात्मक उपायों को हटाने की जरूरत है।
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और चीन जैसे पड़ोसी और वैश्विक अर्थव्यवस्था के बड़े खिलाड़ी स्थिर और रचनात्मक संबंधों से पूरी दुनिया को लाभ पहुंचा सकते हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि मतभेदों को विवाद में और प्रतिस्पर्धा को संघर्ष में नहीं बदलना चाहिए।
वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने वैश्विक परिस्थितियों और साझा हितों के मुद्दों पर भी चर्चा की। यूक्रेन युद्ध और अमेरिकी व्यापारिक नीतियों से पैदा हुई अस्थिरता के बीच जयशंकर ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता बढ़ाने पर बल दिया। वांग यी की यह यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी चीन यात्रा और 31 अगस्त से शुरू होने वाले एससीओ शिखर सम्मेलन से पहले महत्वपूर्ण मानी जा रही है।