एजेंसी, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई ने बुलडोजर कार्रवाई को लेकर शीर्ष अदालत के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि उस निर्णय ने नागरिकों के अधिकारों की रक्षा की। गवई उस पीठ का हिस्सा थे जिसने पिछले साल बुलडोजर न्याय को गलत ठहराया था।
शीर्ष अदालत ने उस दौरान देशभर में संपत्तियों को ढहाने से संबंधित दिशा-निर्देश भी जारी किए थे। सीजेआई गवई ने कहा कि इस आदेश से यह सुनिश्चित हुआ कि किसी का घर बिना कानूनी प्रक्रिया के उजाड़ा न जाए।
'कानून का शासन सर्वोपरि है'
गोवा हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में जस्टिस गवई ने कहा कि कई मामलों में केवल आरोपों के आधार पर लोगों के घर ढहाए जा रहे थे। उन्होंने कहा कि यदि कोई दोषी भी है तो उसे कानूनन अधिकार प्राप्त हैं और प्रक्रिया का पालन जरूरी है।
सीजेआई ने कहा, “देश में कानून का शासन सर्वोपरि है। मुझे संतोष है कि हमने स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए और कार्यपालिका को न्यायाधीश बनने से रोक सके।” उन्होंने आरक्षित वर्ग में क्रीमी लेयर पर दिए अपने ऐतिहासिक निर्णय के पीछे का तर्क भी समझाया।
गवई ने कहा कि इस फैसले पर उन्हें अपने ही समुदाय के लोगों की आलोचना का सामना करना पड़ा था, लेकिन न्याय की दृष्टि से यह सही कदम था।