एजेंसी, पटना। बिहार में रेल यात्रियों के बीच शुक्रवार को अफरा-तफरी मच गई, जब दानापुर रेल मंडल के मोकामा-बाढ़ रेलखंड पर दिनदहाड़े पाटलिपुत्र एक्सप्रेस (18622) से कोच अटेंडेंट का अपहरण कर लिया गया। आधा दर्जन अपराधियों ने आउटर सिग्नल को लाल कर ट्रेन को रोक दिया और एसी कोच बी-5 से अटेंडेंट को खींचकर ले गए। भागते समय अपराधियों ने दहशत फैलाने के लिए फायरिंग भी की।
हड़कंप में आया रेलवे प्रशासन
घटना की जानकारी मिलते ही रेलवे प्रशासन में हड़कंप मच गया। मौके पर आरपीएफ, जीआरपी और स्थानीय पुलिस की टीम पहुंची और इलाके की घेराबंदी कर अपराधियों की तलाश शुरू की। सूत्रों का कहना है कि इस घटना के पीछे शराब तस्करों का हाथ हो सकता है। हालांकि, आरपीएफ इंस्पेक्टर ने फायरिंग की घटना से इनकार किया है।
कौन है अपहृत कोच अटेंडेंट?
अपहृत अटेंडेंट की पहचान राकेश कुमार, निवासी चितरंजन (पश्चिम बंगाल) के रूप में हुई है। वह पाटलिपुत्र एक्सप्रेस में एसी कोच के अटेंडेंट के रूप में काम कर रहे थे। जानकारी के अनुसार, अपराधियों ने पटरी पर सिक्का रखकर सिग्नल लाल कर दिया, जिसके बाद ट्रेन रुक गई और हथियारबंद अपराधियों ने उन्हें जबरन ट्रेन से उतार लिया।
सुनियोजित तरीके से दिया गया वारदात को अंजाम
सूत्रों के अनुसार, अपराधियों ने अपहरण के बाद वाहन का इस्तेमाल किया। बताया जाता है कि घटना के दौरान उन्होंने हवाई फायरिंग भी की, ताकि किसी तरह की रोक-टोक न हो सके।
पुलिस और रेलवे की संयुक्त कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही दानापुर कंट्रोल रूम को जानकारी दी गई। इसके बाद रेलवे और जिला पुलिस ने संयुक्त रूप से इलाके में ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू की। रेलवे डीएसपी (पूर्वी) ने कहा कि अपहृत रेलकर्मी की सुरक्षित बरामदगी के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
बदले की नीयत पर उठे सवाल
पुलिस को शक है कि हाल ही में पकड़े गए शराब तस्करों का गिरोह इस घटना के पीछे हो सकता है। संभावना जताई जा रही है कि बदले की नीयत से कोच अटेंडेंट को निशाना बनाया गया। हालांकि, अभी तक पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है और जांच जारी है।