
डिजिटल डेस्क। बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवात ‘मोंथा’ का असर अब पूरे उत्तर भारत तक दिखाई देने लगा है। ओडिशा और आंध्र प्रदेश में भारी तबाही मचाने के बाद इस तूफान का प्रभाव दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश तक पहुंच चुका है।
राजधानी दिल्ली में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है और हल्की बारिश व सर्द हवाओं के कारण ठंड की दस्तक महसूस की जा रही है।
मौसम विभाग (IMD) ने दिल्ली-एनसीआर और यूपी के कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है। विभाग के मुताबिक, अगले 24 घंटों में तापमान में और गिरावट दर्ज की जा सकती है।
IMD ने चेतावनी दी है कि 30 अक्टूबर को पूर्वी राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है। वहीं, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और यनम में भी हल्की से मध्यम वर्षा जारी रहने का अनुमान है।
हालांकि चक्रवात ‘मोंथा’ अब कमजोर पड़ चुका है, लेकिन इसका असर कई राज्यों में जारी है। ओडिशा से लेकर आंध्र प्रदेश, बंगाल, झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान तक फसलों को भारी नुकसान हुआ है। धान की फसल गिर गई है, जबकि आलू और सब्जियां पानी में सड़ने लगी हैं। कई इलाकों में खेतों में पानी भर गया है जिससे किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
बिहार के गया, पटना, नालंदा, औरंगाबाद, सीवान और पूर्वी चंपारण में बारिश दर्ज की गई। गया के डोभी में राज्य की सबसे ज्यादा 72 मिमी वर्षा हुई। वहीं, झारखंड में रांची, गुमला, लोहरदगा और हजारीबाग जिलों में बारिश का दौर जारी है।
आंध्र प्रदेश में 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। काकीनाडा, पश्चिम गोदावरी और कोनसीमा जिलों में लैंडफॉल के बाद कई घर और झोपड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं। मछुआरों को समुद्र में जाने से मना किया गया है और राहत-बचाव दल तैनात कर दिए गए हैं।
ओडिशा के भुवनेश्वर, पुरी, खुर्दा, केंद्रपाड़ा और जगतसिंहपुर जिलों में 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। मौसम विभाग ने बताया कि अगले 24 घंटे में गंजाम, मलकानगिरी, रायगड़ा, कालाहांडी, गजपति, सुंदरगढ़ और बालासोर जिलों में भारी वर्षा की संभावना है।
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मजही ने कहा कि 'राज्य में चक्रवात का बड़ा असर नहीं पड़ा है, लेकिन प्रशासन और राहत दल पूरी तरह सतर्क हैं।'
IMD के अनुसार, ‘मोंथा’ फिलहाल आंध्र प्रदेश के काकीनाडा से लगभग 100 किलोमीटर पश्चिम में केंद्रित है और आने वाले घंटों में यह गहरे दबाव में बदल सकता है।