एएनआई, नई दिल्ली। Delhi Politics: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हाईकोर्ट से झटका लगा है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायाधिश मनमोहन की अदालत ने उनकी शीघ्र सुनवाई से मना कर दिया। सीएम केजरीवाल ने उन्होंने अपनी याचिका में हाईकोर्ट से रविवार को सुनवाई की गुहार लगाई थी। सीएम केजरीवाल की कानूनी टीम का कहना है कि उनकी गिरफ्तारी और रिमांड आदेश अवैध हैं। वह तुरंत हिरासत से रिहा होने के हकदार हैं।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय के अनुसार, अब मुख्यमंत्री केजरीवाल की याचिका पर 27 मार्च को कोर्ट खुलने के बाद सुनवाई होगी।
ईडी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री केजरीवाल के घर पर तलाशी के बाद उन्हें गिरफ्तार किया था। शुक्रवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत के समक्ष पेश किया। जहां कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 28 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय को रिमांड दी है। उन्हें 28 मार्च को दोपहर 2 बजे कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा।
ईडी ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का आधार बताते हुए 28 पेज की दलील दी है। दावा किया कि सीएम शराब नीति घोटाले में प्रमुख साजिशकर्ता और सरगना थे। वे शराब नीति बनाने में सीधे तौर पर शामिल थे।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने ईडी पर पक्षपात का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब एजेंसी के पास प्रमाण तो लोकसभा चुनाव की घोषणा का इंतजार क्यों करते रहे? ईडी बताए कि वह किसका प्रतिनिधित्व करती है। वहीं, अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, 'ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है। जिससे साबित हो कि केजरीवाल ने गलत किया है। यह केस सह आरोपियों और अधिकारियों के बयानों के आधार पर बनाया गया है।'